अयोध्या।
डीआईजी एपी सिंह के स्थानांतरण होने पर अयोध्या संत समाज ने डीआईजी का किया भव्य विदाई समारोह। डी.आई.जी.ने श्रीरामवल्लभाकुंज मंदिर में भगवान श्री सीताराम के भव्य विग्रह का दर्शन-पूजन किया जहां भगवान को प्रसाद व माला पहनाकर संतों ने उनका अंग वस्त्र और प्रसाद से स्वागत किया। उन्हें आश्रम के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने मंदिर की भव्य गोशाला और निर्माणाधीन रामार्चन मंदिरम दिखाया। आश्रम के इन प्रकल्पों को देखकर वे भाव विभोर हो उठे।
डीआईजी एपी सिंह को अयोध्या के संतों ने भावपूर्ण विदाई दी। कहा कि ऐसे निष्पक्ष और सत्य के साथ खड़े अफसरों की बदौलत पूरे विश्व में यूपी पुलिस की साख बढ़ी है।
श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख और अयोध्या तीर्थ एडवर्ड विवेचिनी सभा के अध्यक्ष स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि प्रदेश में कानून का शासन है। देश और समाज की रक्षा और बेहतर करने के लिए ऐसे कानून का स्वागत किया जाना चाहिए।
हमें खुद के स्वार्थ से ऊपर उठकर लोक कल्याण की दृष्टि से सोचना चाहिए। इस कार्य में लगे शासन- प्रशासन और सहयोगी संगठनों का स्वागत करना चाहिए। इससे पहले अयोध्या शहर में अशांति फैलाने का प्रयास करने वालों की गिरफ्तारी पर पुरी अयोध्या पुलिस का श्रीरामवल्लभाकुंज में अयोध्या के संतों- महंतों ने भव्य स्वागत किया था।अनेक मेले और उत्सवों में पुलिस की भूमिका बहुत ही सराहनीय रही।
मंगल भवन पीठ के महंत और विंदु भाव धारा की आचार्य पीठ दशरथ महल के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य महाराज के शिष्य राम भूषण दास कृपालु ने डीआईजी एपी सिंह के अयोध्या के कार्यकाल की प्रसंशा की। उन्होंने कहा कि आपके कार्यकाल में अयोध्या पूरी तरह शांत रही। अनेक मेले और उत्सवों में पुलिस की भूमिका बहुत ही सराहनीय रही जिसका कुशल नेतृत्व आपने किया।
इस अवसर पर रामकचेहरी चारो धाम के महंत और सरयू आरती समिति के अध्यक्ष शशिकांत दास, रामआश्रम के महंत जयराम दास, डांडिया मंदिर के महंत महामंडलेश्वर गिरीश दास, सार्वभौम आश्रम के महंत श्री गंगा दास, पत्थर मंदिर के महं मनीष दास, राम वैदेही मंदिर के महंत महामंडलेश्वर राम जी शरण, बड़ा हनुमान मंदिर के महंत छविराम दास,पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत कमला दास, सरयू कुंज के महंत बागीश शरण, जानकी कुञ्ज के महंत वीरेंद्र दास, बाबा रवि दास आदि की उपस्थिति रही।स्वागत समारोह की व्यवस्था में आचार्य राजेंद्र शास्त्री, शोध छात्र शैलेंद्र शास्त्री,अवधेश तिवारी मामा,अनूप शुक्त और अरविंद तिवारी का सहयोग रहा।