यूपी में भाजपा की नई कार्यकारिणी का गठन किसी भी समय हो सकता है। नई कार्यकारिणी के साथ ही 80 लोकसभा के मिशन में बीजेपी के कार्यकर्ताओं और बूथ अध्यक्ष तक जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। पहली बार बीजेपी अपने बूथ अध्यक्षों को सिम कार्ड वितरण करेगी।डिजिटल प्रयोग के माध्यम से बूथ अध्यक्ष तक सीधा संदेश प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंचेगा।वहीं, दूसरी तरफ प्रत्येक केंद्रीय मंत्री को तीन से चार लोकसभा सीट पर लगाया गया है। यूपी में मिशन क्लीन स्वीप की तरफ बीजेपी का प्लान तैयार किए जाने के पीछे की वजह महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल के अलावा उत्तर भारत की सीट में कमजोर होना माना जा रहा है।गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत आला नेता और केंद्रीय मंत्री लगातार इन सीटों का दौरा कर रहे हैं और इलाके में संगठन को मजबूती देने के प्रयास में लगे हैं। प्रत्येक केंद्रीय मंत्री को तीन से चार लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा बीजेपी यूपी में आगामी लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप करने की रणनीति पर काम कर रही है।
बीजेपी का मिशन-2024 के लिए सबसे ज्यादा फोकस 2019 में यूपी की हारी हुई लोकसभा सीटों पर है, जिसे अगले साल 2024 में जीतने के लिए पार्टी ने अभी से मशक्कत शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक यूपी के मिशन-80 लक्ष्य के मद्देनजर हारी हुई 14 लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है।
साल 2023 के अंत तक पीएम मोदी करीब 25-30 रैली करेंगे। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री करीब 15 विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से रैलियों और जनसभाओं को संबोधित भी करेंगे।
दिल्ली में शनिवार को बीजेपी आलाकमान की एक बड़ी बैठक आयोजित की गई है। इसमें सभी 160 सीटों पर रणनीति को लेकर चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित शाह से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, विनोद तावड़े और सुनील बंसल ने मुलाकात की है। ये वो 160 लोकसभा सीटें हैं। जहां पिछले 2019 के चुनाव में बीजेपी हार गई थी। इस बार चुनाव में बीजेपी हर हालत में ये सभी सीटें जीतना चाहती है। 160 में 16 सीटें उत्तर प्रदेश की शामिल है।
निर्वाचित कार्यकर्ताओं से संबंधित करीब 1.75 लाख वॉट्सऐप ग्रुप बनाए जाएंगे। इन ग्रुप के जरिए पार्टी अपना पूरा प्रचार डिजिटल तरीके से करेगी। इसके अलावा पार्टी करीब डेढ़ लाख सिम भी बांटेगी, जो प्रदेश भर के बूथ अध्यक्षों को दिए जाएंगे। तय रणनीति के तहत बीजेपी सभी बूथों पर अपनी कमेटी बना रही है।
इस कमेटी में कम से कम 11 सदस्य होंगे। इसका एक अध्यक्ष होगा। उन्हें ही सिम दिया जाएगा। इसी नंबर के आधार पर बूथ अध्यक्ष वॉट्सऐप ग्रुप बनाएगा। इस ग्रुप में करीब 100 सदस्य होंगे। इस अभियान में सभी पन्ना प्रमुख, बूथ समिति सदस्य और विस्तारक शामिल होंगे।
जिसमें बोर्ड अध्यक्ष भी इस ग्रुप के सदस्य होंगे। इस तरह करीब 1.75 लाख ग्रुप बनाए जाएंगे, जिससे लोकसभा चुनाव का पूरा प्रचार डिजिटल तरीके से होगा और व्यापक कवरेज जोड़ने वाले अभियान पर फोकस रहेगा। यह काम 31 मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा।
बीजेपी के राष्ट्रीय युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के माध्यम से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में युवा महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस युवा को मैं आयोजन के जरिए युवा कार्यकर्ताओं को जोड़ने का प्लान है।
बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 75 जिले के बाइकर्स गैंग के माध्यम से वाराणसी में युवा महाकुंभ में सभी कार्यकर्ता नए युवाओं के साथ पहुंचेंगे। युवा महाकुंभ के माध्यम से नए कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने का मिशन युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को दिया गया है।
2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने यूपी की 80 में से 73 सीटें जीती थी। बीजेपी 71 और अनुप्रिया पटेल की अपना दल ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था, लेकिन 2019 के चुनाव में सपा-बसपा- RLD गठबंधन के चलते बीजेपी का समीकरण गड़बड़ा गया था। ऐसे में बीजेपी गठबंधन 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें ही जीत सका था। इस तरह से 2014 की जीती अपनी 9 सीटें 2019 में गंवा दी थी।
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रायबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, रामपुर और नगीना इन 16 सीटों पर हार मिली थी।
इन 16 सीटों में से 10 बसपा, पांच सपा और एक कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन बीजेपी ने उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर की सीट पर जीत हासिल की थी। इस तरह से अब बीजेपी का फोकस 14 सीटों पर है। जिसके लिए अपने अहम नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।