बलरामपुर।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी इन्द्रेषु गौतम ने प्रिय किसान भाइयों को सूचित करते हुये बताया कि विशेष संचारी रोग अभियान 01 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2023 एवं दस्तक अभियान 17 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2023 तक के अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा जनसहभागिता के माध्यम से क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं जनसामान्य के सहयोग से प्रचार एवं प्रसार व उनसे होने वाली बीमारियों एवं मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव एवं खेतों में कृतक नियंत्रण के प्रभावी एवं सुरक्षित उपायों से अवगत कराते हुये आवसीय घरों एवं उनके आस-पास चूहा एवं छंछुदर नियंत्रण जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। संचारी रोग के लिए अन्य कारको के साथ-साथ चूहा एवं छंछूदर भी उत्तर दायी है। चूहा एवं छंछूदर से लैप्टोस्पाइरोसिस व स्क्रब्टाइफस जैसी जानलेवा बीमारी फैलती है। इन रोगों की रोकथाम के लिये चूहा एवं छंछूदर की रोकथाम जरूरी है। किसान भाई चूहों एवं छंछूदर की रोकथाम कर फसल,अनाज,घरेलू सामान को सुरक्षित रख सकते है एवं बीमारियों से भी बचाव कर सकते है। इसके रोकथाम के लिये ब्रोमोडाइल 0.005 प्रति0 से वने चारे 10 ग्राम से प्रत्येक जिदा बिल में रखने से चूहों एवं छछूंदर को मारा जा सकता है। एल्यूमिनियम फास्फाइड दवा को 6 से 4 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा चूहा एवं छछूंदर बिल में रखने से उससे निकलने वाली फास्फीन गैस से चूहा एवं छंछूदर को मारा जा सकता है। इसके अतिरिक्त जिंक फास्फेट 80 ग्राम मात्रा को 02 ग्राम सरसों के तेल में एवं 48 ग्राम चारा,गेहूॅ,चावल आदि में मिलाकर जिन्दा चूहा एवं छछूंदर को मारा जा सकता है। चूहेदानी का प्रयोग करके भी नियंत्रण घरों में किया जा सकता है। चूहों की संख्या को नियंत्रण करने हेतु अन्न भंडारण को पक्का या कंकरीट तथा धातु से बने होने चाहिए। चूहा अपना बिल झाड़ियों एवं कूड़े व मेड़ों आदि पर बनाते है। खेतों की समय-समय पर साफ-सफाई करते रहना चाहिए।