बाराबंकी
जिला प्रशासन भूमाफियों के खिलाफ कार्यवाही कर चुकी हैं और उन भूमाफियों का नाम भी जिला प्रशासन ने समय-समय पर प्रेस ब्रीफिंग कर जानकारी दी है, लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय पर लगी भूमाफियों की लिस्ट से इन बड़े भूमाफियों का नाम गायब हैं। जब भी कोई जिलाधिकारी कार्यालय की इस भूमाफियों की लिस्ट को देखता हैं तो उसके मन मे कई बड़े सवाल खड़े हो जाते हैं की आखिर एक के बाद एक जिले में भूमाफियों पर कार्यवाही हो रही उन्हें जेल भेजा जा हैं. लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय पर लगी इस भूमाफियों की लिस्ट में इन भूमाफियों का नाम कहां हैँ।
जनपद बाराबंकी के भू-माफियाओं की सूची जो जिलाधिकारी कार्यालय पर भूमाफियों की लिस्ट लगी है। वो काफी पुरानी है। लिस्ट के अनुसार भूमाफियों में सबसे पहला नाम तहसील रामनगर के बिरौली निवासी भू-माफिया गुरु सरन पुत्र परागी का है। दूसरे नम्बर पर लखनऊ के गोमतीनगर उजरियाव निवासी गुफरान अहमद पुत्र मोहम्मद अय्यूब का नाम है। तीसरे नम्बर पर बाराबंकी के नबीगंज के रहने वाले मोहम्मद अशफाक पुत्र स्व अली अहमद हैं। चौथे नम्बर पर मुंशीगंज बाराबंकी के रहने वाले रमेश चन्द्र वर्मा पुत्र स्व. सर्वजीत सिंह, पांचवे नम्बर पर कानून गोयान बाराबंकी के अर्जुन गुप्ता पुत्र माता प्रसाद गुप्ता का नाम लिखा है आखिरी 6 नम्बर पर कमरिया बाग बाराबंकी के रहने वाले आशीष श्रीवास्तव पुत्र रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव का नाम दर्ज है। ये लिस्ट कई वर्ष पुरानी बताई जा रही है और जो भी बाराबंकी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचता है तो सबसे पहले उसकी नजर इसी लिस्ट पर पड़ती है।
लोगों को जानने की जिज्ञासा भी होती हैं कि आख़िरकार क्यों अबतक के जो बड़े भूमाफिया हैं उनका इस लिस्ट से नाम क्यों गायब है। जबकि पिछले दिनों बाराबंकी जिंले में भूमाफियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई और जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इन भूमाफियों के नाम भी सार्वजनिक किए थे पिछले दिनों भूमाफियों के खिलाफ हुईर गैंगेस्टर संजय सिंगला की करोड़ों की संपत्ति को जिला प्रशासन ने कुर्क करवा उसके अवैध करोड़ों के कमर्शियल काम्प्लेक्स पर बुलडोजर चला। उसके अन्य सहयोगी साथियों पर भी ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई उन्हें जेल भेजा गया। हाल ही में डीएम के निर्देश पर एंटी भूमाफिया टीम ने रास्तों पर अवैध कब्जा ,रकबे से अधिक भूमि बेचने के अलावा कई अन्य मामलों में कार्रवाई हुई।
उपजिलाधिकारी नवाबगंज ने पिछले दिनों 14 भूमाफियों के नाम सार्वजनिक किए थे जिनमें से खजूर गांव के आशीष कुमार पुत्र बृजलाल अवनीश,स्नेहनगर निवासी मोरल इंफ्रा कम्पनी के ज्ञानेश्वरी पुत्र तेपश्वरी पांडे। एटी ग्लान्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि. के डायरेक्टर कहर जिला आजमगढ़ के आलोक चौबे पुत्र हलधर चौबे, बी-25 राजीव नगर कल्याण पुर लखनऊ की गोवर्धन इंफ्रा लैंड डेवलपर के पार्टनर मनीष सिंह पुत्र अमृत लाल, बस्ती के पेडरिया निवासी जेड एस्क्वायर के जहीर अहमद पुत्र अकबर अली सहित अन्य नाम शामिल थे, लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय पर लगी भूमाफियों की लिस्ट से जिले के के बड़े बड़े भूमाफियों का नाम गायब है।
भूमाफियों पर बोलने से बचते नजर आए एडीएम
एडीएम राकेश कुमार सिंह ने ये भी बताया कि जिले में बड़े भूमाफियों की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा राजस्व परिषद से इस संबंध में रिक्वेस्ट किया गया है। साथ ही जब जिले में बड़े उन भूमाफियों के नाम सार्वजनिक करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने उस पर भी कोई टिप्पणी नहीं की। उनका साफ कहना था कि वो नाम नहीं ले सकते। अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह से कैमरे पर भूमाफियों का नाम लेने से कतरा गए साथ ही जब उनसे जिलाधिकारी कार्यालय पर लगी भूमाफियों की लिस्ट से जिले के बड़े भूमाफियों के नाम गायब होने का सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि इसके लिए वो कुछ नहीं बोल सकते।
अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया की जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में बड़े स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। सबसे प्रथम स्तर पर जो मुख्य सड़कें हैं, उन मुख्य सड़कों पर जो भी ग्राम समाज की जमीनें हैं, उनका चिह्नांकन करवाया जा रहा है और जो भी ग्राम समाज की जमीनें हैं। उन पर यदि कोई अवैध कब्जा किये है तो उन पर कार्रवाई की जा रही है। जो भी नगर पालिका व नगर पंचायत स्तर पर सरकारी जमीन है। उनको अलग स्तर पर चिह्नांकन करवाया जा रहा है। नियम के उनके हिसाब से कार्रवाई हो रही है। किसी भी तरह के भूमाफिया यदि बाराबंकी में हैं तो उनको चिह्नित करके कार्रवाई की जा रही है।