कानपुर।
42 साल पुराने सबसे चर्चित बेहमई हत्याकांड के आरोपी की बुधवार को जिला कारागार में तबीयत बिगड़ गई। जिसके चलते आनन-फानन में जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इमरजेंसी वार्ड में आरोपी का उपचार शुरू कर दिया गया है।
बेहमई हत्याकांड में फूलन देवी के साथ रहा डकैत पोसा (85) लगभग 40 साल से जिला जेल में बंद है और पूरे हत्याकांड की सुनवाई कोर्ट में अभी भी चल रही है। उम्र ज्यादा होने की वजह से पोसा को कई बीमारियों ने घेरा लिया है। जिसके चलते जिला जेल में अचानक पोसा को सांस लेने में तकलीफ हुई तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ. प्रतीक सक्सेना ने पोसा को भर्ती कर उसका एक्स-रे, सिटी स्कैन और खून की जांच कराई। डॉ. प्रतीक ने बताया कि पोसा के सीने में संक्रमण का स्तर ज्यादा है। इसके अलावा उसके पैरों में काफी सूजन है। जांच करवाई गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर जरूरत पड़ी तो कानपुर नगर के कॉर्डियोलॉजी में भी रेफर किया जा सकता है।
14 फरवरी, 1981 को फूलन देवी और उसके गैंग के कई डकैतों ने कानपुर देहात में यमुना के बीहड़ में बसे बेहमई गांव में 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें 17 लोग ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखते थे। वारदात के दो साल बाद तक पुलिस फूलन को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। कड़ी मशक्कत के बाद जब पूरे गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हत्याकांड में शामिल कई आरोपी अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन हत्याकांड की सुनवाई आज भी चल रही है।