सिद्धार्थनगर।
सिद्धार्थनगर में गेहूं की फसल लगभग तैयार होने को हैं लेकिन डुमरियागंज तहसील में अगलगी पर काबू पाने के लिए कारगर इंतजाम नहीं है। कहने को तो यहां फायर स्टेशन स्थापित है, लेकिन न तो इसके लिए स्थाई भवन है और न ही पर्याप्त संसाधन। और तो और यहां कर्मचारियों की कमी भी लंबे वक्त से बनी हुई है। ऐसे में यहां सिर्फ जैसे तैसे काम चल रहा है। जबकि फायर स्टेशन के लिए धन काफी पहले अवमुक्त हो चुका है।
दमकल की गाड़ियों को इधर उधर खड़ा करना पड़ता है। तैनात कर्मियों के लिए आवास की दरकार बनी हुई है। यहां कर्मचारियों की भी कमी है। स्वीकृत सोलह में सिर्फ बारह कर्मी यहां तैनात हैं जबकि अग्निशमन अधिकारी का पद करीब सात सालों से खाली पड़ा है। सबसे ज्यादा जरूरत एक चालक की है क्योंकि एक ही चालक के पर तीन गाड़ियों की जिम्मेदारी है जबकि एक पद यहां पहले से ही खाली पड़ा है। फायर स्टेशन पर डुमरियागंज के अलावा इटवा तहसील की भी जिम्मेदारी है, लेकिन इनके पास सिर्फ एक बडी व दो छोटी गाड़ी ही है।जिले के आखिरी छोर पर बसे डुमरियागंज में आग की विभीषिका से प्रति वर्ष सैकड़ों बीघा फसल राख हो जाती है। आग पर काबू पाने के लिए फायर स्टेशन जरूर है, लेकिन आज तक अस्थाई भवन ही इसके हिस्से में आया है। वर्ष 2019 के अंतिम महीने में एसपी विजय ढुल ने फायर स्टेशन के लिए भूमि का चिन्हांकन किया। वर्ष 2020 में इसके लिए धन भी अवमुक्त हुआ, लेकिन अबतक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। मौजूदा समय में शाहपुर के पास जहां फायर स्टेशन है वहां वर्षा के दिनों में जलभराव हो जाता है।
गर्मी के दिनों में जब अगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं, और खड़ी फसल जलने लगती है उस वक्त दमकल की गाड़ियों की कमी लोगों को अखरने लगती है। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी महेश सिंह ने बताया समस्याओं से उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है जल्द ही कमियों को दूर करने का आश्वासन मिला है।