लखनऊ-अयोध्या-नेशनल हाईवे पर बने अहमदपुर टोल प्लाजा पर टोल वसूलने का ठेका नई कंपनी को दिया गया है। नई कंपनी को टोल वसूलने का ठेका मिलने के बाद यह बरसों पहले से काम कर रहे पुराने कर्मचारी एक ही झटके में बेरोजगार हो गए हैं।बेरोजगार हुए कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी को लेकर संकट आ गया है। कर्मचारियों का कहना है कि वह बेरोजगारी के चलते अपने बच्चों और परिवार का भरण पोषण नहीं कर सकते। इसी को लेकर सभी कर्मचारी टोल प्लाजा के सामने धरने पर बैठ गए हैं। धरना प्रदर्शन कर रहे पुराने टोल कर्मचारी समायोजन की गुहार लगा रहे हैं।बता दें कि बाराबंकी जनपद के लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे स्थित अहमदपुर टोल प्लाजा पर शुक्रवार को चौथी बार टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी बदली गई। सुबह काम हैंडओवर के चलते करीब दो घंटे तक टोल प्लाजा पर वाहनों का आवागमन बाधित रहा, जिससे जाम की स्थिति बनी रही।
बिना नोटिस कर दिया कार्य मुक्त
कर्मचारी विवेक यादव, अनुपम, देशराज, अशोक पांडेय, अर्जुन शुक्ला, अवधेश कुमार आदि ने बताया कि उन्हें बिना नोटिस दिए कार्य से मुक्त कर दिया गया है, जबकि नई कंपनी में समायोजन किया जाना चाहिए। कंपनी की ओर से टोल प्लाजा मैनेजर जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि आधे कर्मचारियों को यहीं समायोजित कर शेष को अन्य टोल प्लाजा पर नियुक्त करने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन ये लोग तैयार नहीं हैं।
बाला जी इंटरप्राइजेज को सौंपी गई कमान
बता दें कि बाराबंकी में लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे पर बने अहमदपुर टोल प्लाजा पर दस साल में चौथी बार कंपनी बदली है। इस अहमदपुर टोल प्लाजा पर एक अगस्त 2013 से एक अक्तूबर 2022 तक पीएनसी ने टोल टैक्स वसूली का जिम्मा संभाला। इसके बाद एक अक्तूबर 2022 से पांच जनवरी 2023 तक इंद्रदीप कंस्ट्रक्शन कंपनी जिम्मेदारी दी गई। पांच जनवरी से अब तक रिद्धि-सिद्धि कंपनी टोल वसूली कर रही थी। अब चौथी बार बदलाव करते हुए बाला जी इंटरप्राइजेज को कमान सौंपी गई है। जिसके बाद कंपनी ने यहां पूर्व में कार्य करने वाले करीब तीन दर्जन कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया।