गोंडा।
खण्ड विकास अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि 24 लाख रूपये की लागत से बायोगैस प्लांट का निर्माण होना है। भारत सरकार गोबरधन योजना के तहत गौ आश्रय केंद्र में सभी वृहद गौ शालाओं में कराया जाएगा, माना जा रहा है की बायोगैस प्लांट शुरू होने के बाद इससे आश्रय केंद्र आत्मनिर्भर बनेगा।बायोगैस प्लांट से जनरेटर संचालित किया जाएगा।
जिससे आश्रय केंद्र को आपूर्ति मिल सकेगी अतिरिक्त बिजली की सप्लाई आस पास के गावों में भी दी जा सकती है। पशुओं के गोबर से जो गैस बनेगी उससे प्रकाश की ब्यवस्था बिना बिजली के हो पाएगी। साथ ही गैस सिलेंडर में भरने की ब्यवस्था भी की जा सकती है जो गृहणियों को सस्ता बायोगैस सिलेंडर भी उपलब्ध कराएगा, जिससे ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ेगी और किसानो को यहां से देसी खाद भी दिया जाएगा।शिलान्यास के इस कार्यक्रम में डीपीआरओ लाल जी दूबे, सीवओ, पशु चिकित्सा अधिकारी राज कमल चौधरी, थाना प्रभारी ब्रह्मानन्द सिंह, ग्राम प्रधान तथा निर्माण करने वाली संस्था के अधिकारी उपस्थित रहे।शिलाँन्यास कार्यक्रम के बाद आश्रय केंद्र में उपस्थित कर्मचारियों में इस बात की कानाफूसी होती रही की इतनी बड़ी गौ शाला में एक दर्जन से अधिक काम कर रहे मजदूरों की जरूरतों का ध्यान नही रखा जा रहा है।
मानना है कि योजना कोई भी हो, उसके सुदृण सञ्चालन में मजदूरों का ही योगदान होता है, संचालन का कार्यभार देख रहे समय दीन यादव ने बताया है कि आश्रय केंद्र में काम करने वालों पर मजदूरों को खुले में शौच इत्यादि की निवृत्ति के लिए बाहर जाना पड़ता है। आश्रय केंद्र में शौचालय बनवाना बेहद जरूरी है, लेकिन इस पर कोई अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं।