उत्तरप्रदेश।
केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार आजादी के अमृत महोत्सव के तहत गांव-गांव में अमृतसर सरोवरों का लाखों रुपए खर्च का निर्माण करवा रही है और इस प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल कर चुकी है।
जिसको लेकर तेजी से ग्राम पंचायतों में एक-एक अमृत सरोवर का निर्माण लाखों रुपए खर्च कर किया जा रहा है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचारियों ने सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में सेंध लगा दी है। क्योंकि अमृतसर वर्क निर्माण के नाम पर बिना कार्य कराए लाखों रुपए निकाल लिए गए और सरोवर का निर्माण जस का तस अधर में लटका पड़ा है, जिसको लेकर के ब्लाक प्रमुख ने जिम्मेदार अधिकारियों और ग्राम प्रधान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
ब्लाक प्रमुख रवि रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयास है की ग्राम पंचायतों में अमृतसर सरोवरों का निर्माण ढंग से कराया जाए लेकिन जब मौके पर आकर अमृत सरोवर का हाल देखा गया, तो वह काफी बेहाल है। क्योंकि ग्राम प्रधान वसी अहमद ने ब्लॉक के तकनीकी सहायक अरुण वर्मा के साथ मिलकर फर्जी तरीके से बिल तैयार कर लाखों रुपए का भुगतान सरोवर निर्माण के नाम पर करा लिया। वहीं दूसरी तरफ ब्लॉक में तैनात रोजगार सेवक अमित वर्मा की भी संलिप्तता इसमें जग जाहिर है, क्योंकि एक रोजगार सेवक होते हुए भी अमित वर्मा ब्लाक के सभी कार्य के ठेके लेता है और मनमाने तरीके से भुगतान करा कर भ्रष्टाचार को अंजाम देता है।
इसी के चलते अमृतसर सरोवर के निर्माण को लेकर लाखों रुपए का बंदरबांट इन सभी अधिकारियों और ग्राम प्रधान ने मिलकर किया है जिसको लेकर ब्लॉक प्रमुख ने बताया कि उन्होंने अपने भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों सहित जिलाधिकारी से पूरे मामले की शिकायत की है अमृतसर के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सभी लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हुए ब्लाक प्रमुख ने सरकारी धन को रिकवर कराने की बात कही है।