अयोध्या।
राम मंदिर का नये स्वरूप गर्भगृह और मंदिर के भूतल निर्माण की हैं। राम मंदिर के गर्भगृह के एक हिस्से में चौखट और दीवार आकार लेती दिखाई दे रही है। मंदिर के गर्भगृह में सभी स्तंभ खड़े किए जा चुके हैं। रामलला के दर्शन यानी गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 32 सीढ़ियां बननी हैं, इनमें से 24 बन चुकी हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, मंदिर अब आकार लेने लगा है। जबकि तीन तरफ दीवारें खड़ी हो चुकी हैं। 20 फीट ऊंची दीवारें मकराना के सफेद संगमरमर से बनाई जा रही है। इसके अलावा तस्वीरों में सिंहद्वार, गर्भगृह की दीवारें और पिलर निर्माण की भव्यता को दिखाया गया है। लगभग 70% काम पूरा हो चुका है।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया, ”मंदिर निर्माण का काम निर्धारित समय से आगे बढ़ रहा है। जल्द ही गर्भगृह की बीम डालने का काम शुरू हो जाएगा। राम मंदिर की छत के करीब 200 बीम की नक्काशी का काम हो चुका है। बीम की तराशी रामसेवक पुरम और रामघाट स्थित कार्यशाला में हो रही है। जो पत्थर तराशे जा चुके हैं, उन्हें राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचाया जा रहा है।मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की अयोध्या। इस वक्त यहां रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। मंदिर का काम 3 फेज में होना है। पहले फेज का काम दिसंबर 2023 में पूरा हो जाएगा। इसमें गर्भगृह भी शामिल है। जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के दिन इसी गर्भगृह में रामलला विराजमान होंगे के जनकपुर से 40 टन वजनी शालिग्राम की 2 शिलाएं 7 दिन के सफर के बाद बुधवार रात अयोध्या पहुंचीं। इन्हीं शिलाओं से भगवान राम और माता सीता की भव्य मूर्तियां बनाई जाएंगी। माना जा रहा है कि ये मूर्तियां अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएंगी।।