लखनऊ।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम ने माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी के सहायक अधिकारियों पर अपना शिकंजा कसना प्रारंभ कर दिया है। एसटीएफ की टीम ने एक शस्त्र लाइसेंस पर कई असलहे खरीदने के मामले में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के तत्कालीन कस्टम के असिस्टेंट कमिश्नर विद्याधर बी पचौरी से लंबी पूछताछ की। पूछताछ में यह सामने आया कि बिना किसी पुख्ता जांच के कस्टम के एक अधिकारी ने असलहों को क्लीयरेंस प्रदान किया। एसटीएफ के विशेष सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में सामने आया है कि अब्बास अंसारी ने अगस्त 2016 में स्लोवेनिया से प्रतिबंधित बोर की राइफल मंगाई थी। जिसमें उसे कस्टम क्लीयरेंस के अपने करीबी कस्टम अधिकारी की मदद मिली थी , जो उन्हें बाहर लेकर आया था। जांच के वक्त उसने बताया कि बैग में राइफल नहीं सिर्फ उसकी बैरल है इसके बाद कस्टम के अधिकारियों ने रसीद भी नहीं देखी और उसे जाने के लिए बोल दिया ।एयरपोर्ट के तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर कस्टम विद्याधर ने भी इसको अपनी स्वीकृति प्रदान की ,और अब्बास के असले की क्लीयरेंस की फाइल उनके मातहत कुलदीप ने दे दी ।उन्होंने कुलदीप पर अंधा विश्वास कर फाइल पर अपने दस्तक कर दिए उनसे भारी चूक हुई है। एसटीएफ की टीम ने तत्कालीन कस्टम अधिकारी कुलदीप से गत 23 फरवरी को पूछताछ भी की। एसटीएफ ने घटना के तहत दिल्ली के दो पूर्व एसीपी को भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया ।उनकी भूमिका लाइसेंस दिल्ली के पते पर जारी होने में बताई जा रही है। अब्बास अंसारी स्लोवेनिया से अवैध तरीके से असलहा लाया था जिसमें 9.52 एमएम बोर की राइफल, 11 .63 एमएम बोर की राइफल व 10.16 बोर की पिस्टल थी जो कि प्रतिबंधित है। इसके अलावा अब्बास अंसारी ने विदेश से 30.06बोर की एक राइफल दिल्ली स्थित शस्त्र की दुकान में जमा की थी जिसे जांच के बाद एसटीएफ ने अपनी कस्टडी में कर लिया। अब्बास के एक लाइसेंस पर 8 असलहा रखने पर प्रशासन काफी सख्त और मुस्तैद दिख रहा है, और कड़ी कार्यवाही होने के आसार भी नजर आ रहे हैं।