लखनऊ।
प्रदेश के कई जिलों से लाइट कटौती की खबरें सामने आ रही हैं। अनुमान है कि 10 हजार से ज्यादा लोग बिजली कटौती से परेशान हैं। किसी प्रकार का हंगामा न हो। इसलिए लखनऊ समेत कई जिलों में बिजली विभाग के ऑफिस पर PAC तैनात कर दी गई है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजली सप्लाई में बाधा डालने वाले कर्मचारियों को पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बिजली बाधित करने की घटना का जिक्र किया। जनता से अपील करते हुए कहा कि संयम बरतें शीघ्र ही समाधान होगा।
उन्होंने कहा कि जो लोग कानून हाथ में ले रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है। कुछ गैर जिम्मेदार संगठन की हठधर्मिता से यह हड़ताल हो रही है। बिजली की कोई कमी नहीं है। कर्मचारियों संगठनों के लिए अभी भी बातचीत का रास्ता खुला है। किसी को भी कानून हाथ में नही लेने की जरूरत है। साथ ही एनटीपीसी ने मेन पॉवर प्लांट चलाने के लिए दिया इसका धन्यवाद। बिजली विभाग ने गुरुवार को एक सूची जारी की है। जिसमें कहा है कि प्रदेश में अभी तक 650 से ज्यादा फिगर ब्रेकडाउन में आ चुके हैं। एक फीडर से दो से ढाई हजार घरों को बिजली सप्लाई होती है।वहीं, महोबा में हड़ताल में शामिल 12 संविदा कर्मियों की सेवाएं जिलाधिकारी से समाप्त कर दी है। जिसके बाद डीएम मनोज कुकमार ने 40 नए संविदाकर्मियों की नियुक्ति किये जाने के निर्देश जारी किए है।
इधर, बुधवार को सरकार ने कर्मचारियों एस्मा और रासूका लगाने की चेतावनी दी थी। ऊर्जा मंत्री ने एके शर्मा कहा, ”ऊर्जा निगमों में जनवरी से 6 माह के लिए एस्मा प्रभावी है। ऐसे में हड़ताल के दौरान बिजली सप्लाई में किसी तरह का व्यवधान करने या उपकेंद्रों व अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर एस्मा और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर थोड़े बहुत व्यवधान होती है, तो संयम बरतें।” प्रयागराज में 48, कानपुर देहात में 9, सिद्धार्थनगर में 9, जालौन में 8, आजमगढ़ में 32, कुशीनगर में 20, रामपुर में 6, बस्ती में 33, मऊ में 4, बहराइच में 20, बस्ती में 32 उपकेंद्र बंद हैं। गोरखपुर में 33 केवी लाइन करीब 40 जगहों पर बंद हो चुकी है। अयोध्या में गुरुवार रात को 40 जगहों पर फॉल्ट हुए। इसमें सिर्फ 3 फॉल्टों को कर्मचारियों ने ठीक किया। इससे पहले साल 2003 में कर्मचारियों ने बिजली विभाग के एकीकरण को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया था।सबसे पहले पढ़िए कर्मचारियों की प्रमुख मांगें-
9 साल, कुल 14 वर्ष एवं कुल 19 वर्ष की सेवा के बाद तीन प्रमोशन वेतनमान दिया जाए।, निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशकों व निदेशकों के पदों पर चयन किया जाए।, बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाए।, ट्रांसफॉर्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लिए जाए।, 765/400/220 केवी विद्युत उपकेंद्रों को आउट सोर्सिंग के जरिए चलाने का निर्णय रद्द किया जाए।, पारेषण में जारी निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाए।, आगरा फ्रेंचाईजी व ग्रेटर- नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाए।, ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।, तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली व ओडिशा सरकार के आदेश की भांति ऊर्जा निगमों के समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए।, बिजली कर्मियों को कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाए।, भ्रष्टाचार-फिजूलखर्ची रोकने के लिए लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द किए जाएं।, इसलिए कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं । यूपी में 1 लाख बिजली कर्मचारी गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। अब तक 20 से ज्यादा कर्मचारी नेताओं को हिरासत में लिया गया है।