सद्भावना आवाज़
बलरामपुर।
एम०एल०के० पी०जी० कॉलेज बलरामपुर मे राजनीति शास्त्र व वनस्पति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित रिसर्च मेथाडोलॉजी विषय पर कार्यशाला के तीसरे दिन विज्ञान वर्ग के छात्र छात्राओं को प्राणी विज्ञान के प्रयोगशाला में भ्रमण कराया गया जिसमें उन्होंने अनुसंधान में काम आने वाले विभिन्न उपकरणों की जानकारी ली इस अवसर पर प्राणी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने छात्र छात्राओं को वाटर एनालिसिस इंस्ट्रूमेंट, स्पेक्ट्रोफोटोमीटर तथा सेंट्रीफ्यूज के बारे में जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया आयोजन सचिव डॉ मोहम्मद अकमल ने थीसिस एवं डिसर्टेशन राइटिंग पर छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण दिया उन्होंने बताया की डिसर्टेशन और थिसिस को किस तरह प्रभावी तरीके से लिखा जाता है तथा उसमें कितने चैप्टर होने चाहिए अपनी अनुसंधान समस्या को प्रभावी तरीके इंट्रोड्यूस करने के कई तरीके उन्होंने बताएं इसके साथ-साथ उन्होंने बताया कि अनुसंधान समस्या के तरीके और परिणाम एक ही क्रम में होने चाहिए। मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर कृतिका तिवारी ने कला संकाय के छात्र – छात्राओं को (स्टेटिस्टिकल पैकेज फॉर सोशल साइंसेज) पर मात्रात्मक विश्लेषण का प्रशिक्षण दिया।
प्रमाण पत्र का किया गया वितरण
समापन समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जे० पी० पांडे ने की तथा मंच संचालन मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर कृतिका तिवारी ने किया सभी छात्र छात्राओं को कार्यशाला के प्रमाण पत्र का वितरण किया गया तथा इसके बाद कार्यशाला का सारांश कृतिका तिवारी जी ने दियाकार्यक्रम के अंत में डॉ मोहम्मद अकमल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया उन्होंने अनुसंधान पद्धति पर इस तीन दिवसीय कार्यशाला का हिस्सा बनने के लिए कॉलेज की ओर से सभी को धन्यवाद दिया तथा माननीय प्रधानाचार्य को कॉलेज में इस तरह के कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने के लिए और विशेष रूप से पीजी छात्रों की मदद करने के लिए आगे आने के लिए कॉलेज की ओर से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एनईपी में शोध एक अनिवार्य हिस्सा है और शोध के हर पहलू को समझने के लिए मुझे लगता है कि कार्यशाला बहुत उपयोगी साबित हुई है।