लखीमपुर।
जिला अस्पताल में एक 12 साल का बेटा बीती रात करीब 1 बजे अपने बीमार पिता को लेकर पहुंचा लेकिन काफी देर तक कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं आया। बाद में एक डॉक्टर ने एडमिट कर पर्चे पर रेफर टू फिजीशियन लिखकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया। लेकिन इलाज नहीं किया। बाद में बेटे के सामने ही पिता ने दम तोड़ दिया।अपनी आंखों के सामने पिता को मरते देख बेटा कह रहा है कि डॉक्टरों की लापरवाही से मेरे पापा की मौत हुई है। डॉक्टर की हिम्मत है तो मेरे पापा को लौटा दें। उसने रोते हुए सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है।
रात लगभग 1 बजे के कस्बा ओयल के मोहल्ला महावीरी निवासी 55 वर्षीय रामचंद्र पांडेय पुत्र कोदी पाण्डेय को ब्लड प्रेशर बढ़ने पर परिजन 108 ऐम्बुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उनके साथ उनका बेटा आदर्श भी आया था।आदर्श ने रोते हुए बताया,” मैं अपने पापा को मम्मी के साथ यहां लेकर आया था। भर्ती होने के बाद मेरे पापा को कोई डॉक्टर समय से देखने नहीं आया। मेरी मम्मी ने पूछा तो बताया गया कि डॉक्टर अगले दिन 9 नौ बजे तो किसी ने कहा 11 बजे आएंगे। लेकिन उस समय जब मेरे पापा मर रहे थे तब कोई उन्हें देखने नहीं आया।
बेटे ने सिसकियों भरी आवाज में बताया, “आधे घंटे बाद डॉक्टर ललित कुमार ने पापा को भर्ती तो कर लिया, उसके बाद पलटकर कोई देखने नहीं आया। रात 1:50 बजे मेरे पापा ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों की लापरवाही से मेरे पापा की जान चली गई। समय रहते कोई देखने नहीं आया। अब मेरे पापा एक्सपायर हो गए हैं, क्या डॉक्टर मेरे पापा को लौटा द्सकते हैं। अगर हिम्मत है तो पापा काे लौटा दें। ” ये सुनकर आसपास खड़े लोग भी भावुक हो गए।
12 साल के बच्चे ने डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की है। आदर्श ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर कॉल करके कहा कि डॉक्टर ने मेरे पापा का इलाज नहीं किया। मेरे पापा एक्सपायर कर गए हैं। इन डॉक्टरों पर कार्रवाई कराईये। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर ली गई है।बीपी के मरीज की मौत के मामले को लेकर जिला अस्पताल के डॉक्टर से बात की गई। डॉ. रामसेवक मधोरिया ने बताया कि मरीज का पल्स रेट बहुत कम था, उसे तुरंत ऑक्सीजन लगाया गया, जितना संभव था उतना प्रयास उसे बचाने को किया गया। डॉक्टरों पर लगाये गये आरोप गलत हैं।