बलरामपुर।
विश्व बंधुत्व एकता और शांति का संदेश लेकर निकला दक्षिण कोरिया के बौद्ध भिक्षुओं का दल सारनाथ से श्रावस्ती तक पैदल यात्रा के क्रम में बलरामपुर पहुंचा। जहां दल के सदस्यों का बलरामपुर के नागरिकों एवं अधिकारियों ने अभिनंदन एवं स्वागत किया। इस यात्रा से भारत और दक्षिण कोरिया एक दूसरे सांस्कृतिक एवं परंपराओं के बारे में जानकारी लेंगे।यह यात्रा सारनाथ से शुरू होकर श्रावस्ती में जाकर खत्म होगा। 43 दिन की इस यात्रा में यह दल अनेक जिलों से होता विश्व बंधुत्व और शांति का संदेश दे रहा है। भारत से दक्षिण कोरिया के मैत्रीय संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज दो दिवसीय दौरे पर दक्षिण कोरिया से 108 बौद्ध भिक्षुओं का दल बलरामपुर पहुंचा था।
मुख्यालय की सीमा में पहुंचने पर ग्राम बेनी जोत में दल का स्वागत कर जलपान कराया गया। बेनी जोत से विभिन्न ग्राम मार्गों से होते हुए बौद्ध भिक्षुओं का दल पायनियर पब्लिक स्कूल पहुंचा। यहां पर प्रशासनिक अधिकारी व नगर के गणमान्य लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। यही इनके निवास की व्यवस्था भी की गई है। यहीं इन्होंने आज विधि विधान से महात्मा बुद्ध का पूजन किया।आज रात विश्राम के बाद कल श्रावस्ती को होगा रवाना
दल आज रात्रि विश्राम के बाद कल प्रातः श्रावस्ती के लिए रवाना होगा। इस यात्रा का उद्देश्य बताते हुए साउथ कोरिया के दल के प्रमुख हाऊ हा ने बताया कि हम भारत मे स्थित विभिन्न बौद्ध स्थलों का भ्रमण कर रहे है। साउथ कोरिया से मैत्रीय पूर्ण संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हम इस संबंध को और मजबूती देने के लिए आये है।साथ ही यहां स्थित बौद्ध धर्म के धार्मिक स्थलों पर पूजन कर विश्व मे शांति की स्थापना की प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने जिस तरह से हमारा स्वागत किया गया, व हमारी देखभाल की पूरी व्यवस्था की गई। उससे हम अभिभूत हैं। इसके लिए हम भारतवासियों का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि हम तथागत बुद्ध की धरती पर आकर एक विशेष अनुभूति महसूस कर रहे हैं।