कानपुर।
सपा विधायक इरफान सोलंकी को पेशी पर कड़ी सुरक्षा के बीच महाराजगंज जेल से कानपुर कोर्ट लाया गया है। जाजमऊ आगजनी मामले में एमपी एमएलए सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी की अदालत में शुक्रवार को सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान समेत 5 लोगों के खिलाफ सुनवाई शुरू हो गई है। आरोप के बाद यह पहली सुनवाई है। इरफान के अलावा रिजवान, मोहम्मद शरीफ शौकत अली और इसराइल आटे वाला को कानपुर जेल से कोर्ट लाया गया।
अभियोजन की ओर से सबसे पहले एफआईआर दर्ज करने वाले एफआईआर लेखक को कोर्ट में गवाह के रूप में पेश किया गया। कोर्ट में गवाही के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिरह भी की। अधिवक्ता प्राची श्रीवास्तव ने बताया कि मुकदमे की वादिनी नजीर फातिमा की भी गवाही होनी थी, लेकिन वह तबीयत ठीक न होने के कारण कोर्ट नहीं आ सकी। उसकी ओर से कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर अगली तारीख की मांग की गई है।
इरफान का काफिला कानपुर कचहरी के पास जाम में थोड़ी देर के लिए फंसा रहा। वकीलों के प्रदर्शन और सपा विधायक की पेशी को देखते हुए कानपुर कचहरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस के साथ पीएसी और आरएएफ को भी तैनात किया गया है। कोर्ट के मेन गेट पर भी भारी सुरक्षा बल तैनात है। विधायक की एमपी एमएलए की लोअर और सीनियर दोनों कोर्ट में पेशी होनी है। गैंगस्टर को छोड़कर अन्य मामलों में सुनवाई आज होगी।
विधायक इरफान सोलंकी और भाई रिजवान सोलंकी की रंगदारी के मामले में जिला जज की कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज हो गई है। एडीजीसी रविंद्र अवस्थी ने बताया कि अभियुक्तगण द्वारा वादी अकील अहमद से रंगदारी की मांग की गई थी। साथ ही जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में इरफान, भाई रिजवान समेत अन्य लोगों पर रंगदारी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने दोनों पक्षों क सुनने के बाद जमानत अर्जी को खारिज कर दी। बता दें कि वादी मुकदमा के अनुसार, डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ निवासी नजीर फातिमा के प्लॉट पर विधायक और उनके गुर्गों द्वारा आगजनी और इसके साथ ही कंघी माहौल निवासी नसीम आरिफ की जमीन पर कब्जा हो गया था। इन दोनों ही मामलों की पैरवी अकील अहमद के द्वारा की जा रही थी। इस पर विधायक और उनके भाई रिजवान के साथ साथ पार्षद मुर्सलीन ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।