सद्भावना आवाज़
गोंडा
गोंडा के मनकापुर के एपी इंटर कॉलेज में स्वीपर पद पर प्रदीप कुमार की भर्ती घोटाले से पहले कई मामले भी उठ चुके हैं। बाद में प्रधानाचार्य डॉ. अवध शरण मिश्र को भर्ती घोटाले में आरोपित किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के आदेश पर सीआरओ ने जांच की थी। जिसमें बड़ा खुलासा हो चुका था। इसमें तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की भूमिका पर सवाल खड़े हुए थे।स्वीपर भर्ती मामले में प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी तो हो गई, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के साथ ही वेतन दिए जाने के मामले में अन्य जिम्मेदार अभी भी चुप्पी साधे हैं। माना जा रहा है कि सत्तापक्ष के एक बड़े नेता का हाथ कुछ लोगों पर होने से कार्रवाई प्रधानाचार्य के आसपास से आगे नहीं बढ़ रही है। सीआरओ ने सीजेएम के आदेश पर जांच किया तो स्पष्ट हुआ कि जिला विद्यालय निरीक्षक की भी निलंबन के अनुमोदन में जिम्मेदारी है। उन्होंने अनुमोदन में नियमों की अनदेखी की। फिलहाल अभी वह मामला न्यायालय में ही प्रचलित था कि एफआईआर में कार्रवाई जोर पकड़ ली। अब स्वीपर की भर्ती और उसके वेतन दिए जाने की जिम्मेदारी तय होने की चर्चाएं हैं। माना जा रहा है कि वेतन बिल पर प्रबंधक के ही हस्ताक्षर होते हैं। वहीं स्वीपर के मामले में कार्रवाई के बाद भी वेतन दिए जाने के जिम्मेदारों की पड़ताल अब पुलिस कर रही है।
जांच अधिकारी ने डीआईओएस से मांगा है पूरा ब्यौरा
बीते अप्रैल माह में ही जांच अधिकारी मनकापुर थाने के शिव कुमार यादव ने जिला विद्यालय निरीक्षक से कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें किस समय कौन प्रबंधक रहा और नियुक्ति कब हुई। इसकी रिपोर्ट के साथ ही वेतन आदेश के बारे में भी पूरी डिटेल मांगी है। जिसमें कई सफेदपोश की भूमिका सामने आ रही है। यही नहीं वेतन रोक के बाद कैसे जारी रहा, इस बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है।वहीं, पूरे मामले पर जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि मनकापुर के एपी इंटर कॉलेज में स्वीपर भर्ती मामले में रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसमें पूरी रिपोर्ट दे दी गई है। मामले के जांच अधिकारी को अभिलेख के साथ रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। आगे की कार्रवाई पुलिस को करनी है।