गोंडा।
गोंडा के नवाबगंज के लौव्वावीरपुर गांव के एक युवक ने पशुओं से हो रही समस्या की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की है। स्थानीय प्रधान, सचिव और खंड विकास अधिकारी पर गंभीर आरोप भी लगाये हैं।युवक धर्मेंद्र ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि गांव में 200 पशुओं की क्षमता का गौ-आश्रय केंद्र बना हुआ है। जिसका लोकार्पण जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने किया था।
इस गौशाला में संरक्षित पशुओं को रात में छोड़ देने से किसानों का खासा नुकसान हो रहा है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि ग्राम प्रधान लक्ष्मी देवी, सचिव पवन कुमार गुप्ता और खंड विकास अधिकारी डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह की मिलीभगत के चलते गौशाला के कर्मचारी रात में गौशाला के पशुओं को खोल कर भगा देते हैं और सुबह फिर उन्हें गौशाला में लाकर बांध देते हैं।गौशाला से छोड़े गए पशु पूरी रात किसानों की फसलें तबाह कर रहे हैं।
जिससे किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस बारे में कई शिकायत करने के बाद भी यह रवैया लगातार जारी है। स्थानीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कराई जाये।
वहीं इस संबध में मुख्य विकास अधिकारी एम. अरून्मोली ने कहा कि अभी वह एक कार्यक्रम में व्यस्त हैं। मामले की जांच कराई जायेगी। शनिवार को नवागत मुख्य विकास अधिकारी ने क्षेत्र के कल्यानपुर गांव में कान्हा गौशाला का निरीक्षण किया था। अनियमितता और खामियां मिलने पर संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि गौशाला में आये दिन पशुओं की मौत भी हो रही है।