बलरामपुर। भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाकों में लंबे समय से बिना मान्यता के संचालित हो रहे मदरसों पर अब जिला प्रशासन का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल के निर्देश पर प्रशासन ने पिछले हफ्ते सोमवार से शुक्रवार तक विशेष अभियान चलाकर कुल 23 अवैध मदरसों को बंद करा दिया। इस कार्रवाई के बाद से मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत मौर्य के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने इन मदरसों की जांच की। इन सभी मदरसों के पास न तो कोई वैध मान्यता है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित कोई पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा था। कई बार नोटिस देने और पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद संचालक कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके बाद प्रशासन को सख्त कदम उठाना पड़ा। बलरामपुर जिला नेपाल सीमा से सटा हुआ है। यहां के सीमावर्ती गांवों, कस्बों और बाजारों में दर्जनों मदरसे वर्षों से संचालित हैं।
233 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे
जनपद में कुल 841 मदरसे हैं, जिनमें से 462 को ही मान्यता प्राप्त है, जबकि 233 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं। इनमें से कई मदरसे सीमा के इतने करीब हैं कि नेपाल के अंदर भी उनकी गतिविधियां संचालित होती हैं। इन अवैध मदरसों को कौन फंडिंग कर रहा है, ये कैसे चल रहे हैं और किसके निर्देश पर संचालित हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। केवल संचालक ही इसकी जानकारी रखते हैं। इन मामलों की जांच के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को लगाया गया था। छह माह पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे. रीभा ने प्रदेश के सभी जिलों को पत्र जारी कर एटीएस जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी अब तक एटीएस टीम बलरामपुर नहीं पहुंची है। ऐसा माना जा रहा है कि इसी देरी से मदरसा संचालकों, विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत मिली हुई है। इन सभी मदरसों को बिना वैधानिक मान्यता के संचालित किया जा रहा था, और कई जगहों पर तो शिक्षा से जुड़ा कोई मूलभूत ढांचा भी मौजूद नहीं था। शुक्रवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा किए गए निरीक्षण में तीन और मदरसे मानकविहीन पाए गए। इन मदरसों में न पाठ्यक्रम संचालित हो रहा था और न ही कोई वैध दस्तावेज उपलब्ध थे। इन्हें भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया।
बंद किए गए मदरसे
प्रतापपुर, जरवा – मदरसा अहले सुन्नत तालिमुल कुरान
बालापुर – मदरसा अहले सुन्नत नईभिया ईमाम अहमद रजा
बघेलखंड – मदरसा अहले सुन्नत नासिर उल उलूम
महदेइया – मदरसा अहले सुन्नत फैजुल उलूम रिजबिया
जरवा – मदरसा अहले सुन्नत फैजाने रजा
रतनपुर – मदरसा अहले सुन्नत इमदादुल उलूम गौसिया
मझगवां – मदरसा सिराजुल उलूम
रनियापुर – मदरसा अहले सुन्नत लिलबनात
टड़वा – मदरसा अहले सुन्नत रिजविया हिदायतुल इस्लाम
बालापुर – सेंट बिलाल पब्लिक स्कूल (रन बाय मदरसा सल्फीया)
सुगानगर डुमरी (पचपेड़वा) – मदरसा अहले सुन्नत पुरिया फैजाने रूबबुल औलिया
वीरपुर – मदरसा फैजाने रजा
कोहरगड्डी – मदरसा अहले सुन्नत गौसिया
सेमरी – मदरसा अहले सुन्नत बदरुल उलूम
रेहराखुर्द – मदरसा अहले सुन्नत गौसुल उलूम
बिजुआ कला – मदरसा रहमानिया एजुकेशनल सोसाइटी, मदरसा फैजेआम, मदरसा अनवारुल उलूम
मझगवां खुर्द – मदरसा मोहम्मद इस्लामी
बिजुआ खुर्द – मदरसा जामिअतुल नाजियाहात
भगहा कला, तुलसीपुर – मदरसा अहले सुन्नत साबिरुल उलूम
भचकहिया, तुलसीपुर – मदरसा अहले सुन्नत गौसिया फैजुल उलूम
नन्द महरा, तुलसीपुर – अब्दुल अजीज अहले सुन्नत मदरसा
“जिलाधिकारी के निर्देश पर सीमा क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों पर कार्रवाई की जा रही है। मान्यता न होने और पाठ्यक्रम के अभाव में इन्हें बंद कराया गया है। आगे भी यह अभियान लगातार चलेगा।”-
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत मौर्य