जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और पारदर्शी बनाने के लिए राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और ई-केवाईसी प्रणाली की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस पहल के तहत जिले में अब तक 2704 फर्जी राशन कार्डों की पहचान की गई है, जिन्हें तुरंत निरस्त कर दिया गया है। यह संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि ई-केवाईसी प्रक्रिया जारी है और सभी कार्डधारकों का सत्यापन किया जा रहा है।इस सुधार प्रक्रिया के तहत, प्रत्येक कार्डधारक का आधार प्रमाणीकरण किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल पात्र लाभार्थियों को ही राशन का वितरण हो। जिले की 874 उचित मूल्य दुकानों पर ईपीओएस उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके द्वारा राशन वितरण के दौरान आधार प्रमाणीकरण होता है।
ई-केवाईसी, खाद्यान्न वितरण
इससे खाद्यान्न वितरण में होने वाली धांधली और गड़बड़ियों पर काबू पाया गया है।अब तक 9,69,694 यूनिटों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है और 20 नवंबर तक यह प्रक्रिया लगातार जारी रही है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद, जिन लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूरा नहीं होगा, उन्हें फर्जी मानकर राशन वितरण से बाहर किया जाएगा। इसके अलावा, कई राशन कार्डों को निरस्त किया गया है, जिनमें 12 डुप्लीकेट कार्ड, 36 लोग जो जिले में नहीं रहते, 14 मृत लाभार्थी और 35 ऐसे लाभार्थी शामिल हैं जिन्होंने स्वयं अपना कार्ड सरेंडर कर दिया है।यह डिजिटलीकरण प्रक्रिया अब तक राशन वितरण प्रणाली में सुधार लाने में कारगर साबित हुई है, और आने वाले समय में इस प्रणाली के और प्रभावी होने की उम्मीद है। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि इस प्रक्रिया से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पूरी तरह से पारदर्शी और दोषमुक्त बनाया जा सके।