बलरामपुर ।
जिला एवं सत्र न्यायलय की एक अदालत ने दहेज हत्या के मामले में दोषी पाए जाने पर पति को 10 वर्ष कारावास की सजा सनाई है। साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। बताया जा रहा है कि ससुराल वालों ने 19 जून 2009 को बहू को इतना मारा था कि उसकी मौत हो गई थी।शासकीय अधिवक्ता नवीन तिवारी ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया की राम रत्न पुत्र राम चंद्र निवासी फरवा थाना ललिया ने अपनी लड़की मांचिता का विवाह महाराजगंज तराई के रहने वाले विपत के साथ किया था। विवाह के बाद से ही पति और उसके घर वाले मंचिता को अक्सर दहेज की मांग को लेकर मारते पीटते थे। जिसकी शिकायत मंचिता ने अपने परिवार वालों से भी की थी।परिवार वाले मंचिता को समझा बुझाकर ससुराल भेज देते थे। 19 जून 2009 को एक बार फिर ससुराल वालों ने मंचिता को बुरी तरह मारा पीटा जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर मायके वाले उसके ससुराल पहुंचे तो मंचिता के शव को जला दिया गया था। इस घटना के बाद मृतका के पिता द्वारा न्यायलय में घारा 156 /3 के तहत अर्जी दी गई।न्यायलय के आदेश पर महाराजगंज तराई में पति सहित अन्य ससुराल वालों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा अदालत में तमाम गवाह व साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश अभिनित्म उपाध्याय ने पति विपत को दोषी मानते हुए 10 वर्ष कारावास और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।