लखनऊ: एलयू के समाज कार्य विभाग और जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से बाबूगंज स्थित ब्राइट वे पब्लिक स्कूल में पोक्सो अधिनियम व बच्चों के प्रति बढ़ते हुए यौन अपराध के रोकथाम के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बच्चों को यौन अपराध और पोक्सो के महत्व को समझाया गया।
कार्यशाला के दौरान समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश द्विवेदी और क्रिमिनल एंड क्रिमिनल जस्टिस एडमिनिस्ट्रेशन के सहायक आचार्य डॉ. ओमेंद्र कुमार यादव ने मार्गदर्शन किया। छात्रों को यौन अपराधों से बचाव के तरीके और पोक्सो अधिनियम के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
अधिनियम में दर्जा नहीं हो सकता
कार्यशाला में बच्चों को यह भी समझाया गया कि पोक्सो अधिनियम में कोर्ट और पुलिस द्वारा बच्चों के अनुकूल वातावरण देना जरुरी है। अधिनियम में एक साल के भीतर सुनवाई खत्म करने के बाद फैसले का प्रावधान है। बच्चों को अपनी समस्याओं को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
बच्चों को बताया जा रहा पोक्सो के नियम
एक छात्र, अनुपम गुप्ता, ने कार्यशाला में बच्चों को पोक्सो के नियमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिनियम में 18 वर्ष की आयु से कम का व्यक्ति बालक की श्रेणी में आता है और इसके तहत वह शिकायत दर्ज करा सकता है।
छात्रा संस्कृति ने पोक्सो कानून का उद्देश्य बताया और बच्चों को बाल दुर्व्यवहार के प्रकार, कारण, और उसके प्रभावों के बारे में जागरूक किया।
बच्चों को संवेदनशीलता सिखाई गई
बच्चों को अपनी समस्याओं को दिखाने और समझाने के लिए कार्यशाला में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। छात्रों को संवेदनशीलता सिखाई गई और उन्हें अपने स्वार्थों की पहचान करने की प्रेरणा दी गई।
बच्चों ने प्रश्नों के जवाब दिए और उन्हें चॉकलेट भी वितरित की गई। इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।