बलरामपुर।
बलरामपुर: (महराजगंज तराई) मदरसा नूरूल उलूम अतिकिया में जश्न ए दस्तार बंदी के अवसर पर एक दिवसीय सुल्तानुल मुनाज़रीन कॉन्फ्रेंस का भव्य आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रिंसिपल मदरसा मौलाना ज़मीर अहमद लतीफी ने की और संचालन मौलाना नूर मोहम्मद नईमी तथा मौलाना जमाल अख़्तर सदफ गोंडवी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुरआन की तिलावत से क़ारी शफाअत उल्लाह रज़वी ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए देश और समाज की उन्नति पर भी अपने विचार व्यक्त किए।
विश्व विख्यात धर्म गुरु मौलाना अब्दुल हफीज़ अज़ीज़ ए मिल्लत के संरक्षण में आयोजित कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में मुम्बई से आए मौलाना सिराज अहमद चिश्ती ने धार्मिक ग्रंथ कुरआन पाक की शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कुरआन का ज्ञानी अल्लाह उसी को बनाता है जो उसकी दृष्टि में महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। कुरआन की शिक्षा प्राप्त कर हफिज़ ए कुरआन की उपाधि हासिल करने वाले छात्रों के माता पिता भी बहुत खुशनसीब हैं कि आज उनके पुत्रों ने कुरआन की शिक्षा ग्रहण कर अपने साथ ही अपने परिवार और रिश्तेदारों को अल्लाह से निकटता हासिल करने में सफ़लता प्राप्त की। मौलाना ने समाज को शिक्षित बनाने हेतु मात पिता को अल्लाह के नबी मोहम्मद का संदेश भी सुनाया।
मौलाना फैज़ान रज़ा जमाली ने सूफ़ी संतों के जीवनी पर प्रकाश डालने के साथ ही इस्लाम धर्म की शिक्षा के महत्व पर तकरीर करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज को शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आगे आना चाहिए। मौलाना ने यह भी कहा कि इस्लाम धर्म की शिक्षा ग्रहण कर हमारे बच्चे एक नेक दिल इंसान के साथ ही श्रीष्टाचारी भी होते हैं क्यों कि इस्लाम धर्म सामाजिक भाई चारे, एकता और मोहब्बत का संदेश देता है।
मौलाना नईममुद्दीन अज़ीज़ी नईम ए मिल्लत ने अपने उद्बोधन में इस्लाम धर्म के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस्लाम धर्म मानवता और सौहार्दपूर्ण वातावरण का पक्ष धर है। इस्लाम तलवार के बल पर नहीं बल्कि मानवतापूर्ण व्यवहार की बदौलत परवान चढ़ा है। इस्लाम नफ़रत नहीं बल्कि मोहब्बत और एकता का संदेश देता है। नईम ए मिल्लत ने कहा कि कुछ सांप्रदायिक मानसिकता के लोग हैं जो इस्लाम धर्म और कुरआन के संदेशों की गलत और भ्रमित करने वाली व्याख्या करके मुसलमानों और इस्लाम धर्म को बदनाम करने का कूटरचित कृत्य करते हैं ऐसे में कुरआन की शिक्षा प्राप्त कर उसके संदेश को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है तभी इस्लाम धर्म के विरुद्ध फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर किया जा सकता है इस लिए मुसलमान अपने बच्चों को कुरआन की शिक्षा अवश्य दिलाएं।
केजीएन वेलफेयर सोसायटी बलरामपुर के संस्थापक संरक्षक मौलाना सय्यद अहमद रज़ा ने मदरसा शिक्षकों और प्रबंध समिति के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य पर शुभकामनाएं देते हुए मदरसा शिक्षा प्राणली को देश और समाज हित में महत्वपूर्ण बताया तथा देश की आज़दी और उन्नति में उलमा और मदारिसे अरबिया के योगदान पर भी प्रकाश डाला।मौलाना फैयाज़ अहमद मिस्बाही बरकाती ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मदरसा के 16 छात्रों को हाफिज़ की उपाधि देकर दस्तार बांधी गई है। कार्यक्रम के सफ़ल आयोजन में मदरसा प्रबंध समिति के अध्यक्ष मुख्तार अहमद ख़ान, प्रबंधक शुबराती शाह अशरफी के साथ ही अध्यापक कारी नूरुद्दीन रज़वी, कारी शहादत अली, ज़ाकिर हुसैन मिस्बाही, मुफ्ती अब्दुरकीब मिस्बाही, मोहिब्बुर्रसूल अशर्फी, मोहम्मद फारूक, मोहम्मद इब्राहिम नूरी, मोहम्मद शमीम क़ादरी, शेरअली सक़ाफ़ी, रज्जब अली नईमी, मोहम्मद सलमान रजा, शफ़ाअतउल्ला रजवी, मास्टर अब्दुल कादिर, मास्टर गुलाम जिलानी, मास्टर मोहम्मद शादाब के अलावा ज़िला पंचायत सदस्य डॉ आफताब आलम, प्रधान अब्दुल रशीद, अब्दुल मुस्तफ़ा, अफ़ज़ल मंसूरी, अंसार बरकाती आदि मदरसा कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम में नात ख्वां जमील गोंडवी और ज़िया यजदानी ने अपनी नात से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हफिज़ ए कुरआन की उपाधि हासिल करने वाले छात्रों के माता पिता और रिश्तेदारों तथा दोस्तों ने माल्यार्पण कर खुशियां मनाई। सलात व सलाम के बाद अंत में मौलाना अब्दुल हफीज़ अज़ीज़ ए मिल्लत ने देश की शान्ति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर मुफ्ती ए शहर बलरामपुर मौलाना मोहम्मद मसीह अहमद क़ादरी,क़ारी फ़रियाद हुसैन,मुफ्ती मुज़म्मिल अख़्तर,मौलाना मोहम्मद उमर मिस्बाही के अतरिक्त मोहम्मद लईक बब्बू,मोहम्मद रफीक पप्पू मास्टर,मोहम्मद अतीक शब्बू आदि के साथ ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।