भारतीय उद्योग के दिग्गज रतन टाटा के निधन के बाद उनकी सामाजिक दृष्टि को साकार करने का कार्य युवा उद्यमी अर्जुन देशपांडे ने अपने कंधों पर ले लिया है। मात्र 16 साल की उम्र में अपने स्टार्टअप ‘जेनेरिक आधार’ की शुरुआत करने वाले अर्जुन का लक्ष्य है कि हर भारतीय नागरिक को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हों। अर्जुन, रतन टाटा से प्रेरणा लेकर अपनी कंपनी के माध्यम से देश के 18 राज्यों में सस्ती दवाओं का विस्तार कर रहे हैं। अर्जुन देशपांडे द्वारा शुरू की गई कंपनी ‘जेनेरिक आधार’ का उद्देश्य है कि दवा निर्माण से सीधे वितरण तक दवाओं का मूल्य कम किया जाए। इस मॉडल से देश के छोटे व्यापारियों और फार्मासिस्टों को लाभ पहुंचाने का प्रयास है। फिलहाल मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, और ओडिशा में करीब 30 रिटेलर्स इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, और अगले महीने से उत्तर प्रदेश में भी इसका विस्तार किया जाएगा।
रतन टाटा की विरासत को सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाने का संकल्प

रतन टाटा के साथ साझेदारी, अर्जुन को मिला नैतिक और आर्थिक सहयोग
रतन टाटा ने व्यक्तिगत स्तर पर इस स्टार्टअप में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदकर ना केवल निवेश किया बल्कि अर्जुन का मार्गदर्शन भी किया। अर्जुन का कहना है कि टाटा उनके लिए सिर्फ एक निवेशक नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्रोत हैं। उनकी मदद से अर्जुन ने देशभर में 101 नई फ्रेंचाइजी खोलने की योजना बनाई है, जो स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती है।
कैंसर दवाओं की उपलब्धता में क्रांति
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की दवाओं को भी सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की दिशा में अर्जुन ने कदम बढ़ाया है। कंपनी ने चार WHO-GMP प्रमाणित निर्माताओं के साथ समझौता किया है ताकि कैंसर की दवाएं भी लोगों तक सुलभता से पहुंचाई जा सकें। हिमाचल प्रदेश के बद्दी क्षेत्र से इन दवाओं की आपूर्ति की जाएगी।

युवा उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा
अर्जुन और रतन टाटा की यह साझेदारी नए उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। अर्जुन का कहना है कि यदि युवाओं को सही मार्गदर्शन मिले, तो वे बड़े सपनों को साकार करने में सक्षम हैं।