मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को “कृषि भारत 2024” का उद्घाटन किया। यह चार दिवसीय महोत्सव लखनऊ के वृंदावन योजना मैदान में आयोजित हो रहा है। सीएम योगी ने कहा कि बेहतर तकनीक और डिजिटल एग्रीकल्चर के इस्तेमाल से कृषि को आधुनिक बनाया जा सकता है और किसानों की आय में बड़ा इजाफा किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में 250 से अधिक प्रदर्शक, 1 लाख से ज्यादा किसान और 10 देशों के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट और राजदूत मारिसा गेरार्ड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान उत्तर प्रदेश और नीदरलैंड्स के बीच दो महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौते कृषि में आधुनिक तकनीकों और नवाचार को बढ़ावा देंगे। सीएम योगी ने कहा कि गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट और बिजनेस-टू-बिजनेस सहयोग से किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सकता है।सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास देश की केवल 11% कृषि योग्य भूमि है, लेकिन यहां का कृषि उत्पादन देश के कुल उत्पादन का 20% है। उर्वर भूमि और जल संसाधनों के चलते प्रदेश में कृषि उत्पादन को तीन से चार गुना तक बढ़ाने की क्षमता है। डिजिटल तकनीकों और आधुनिक खेती के जरिए यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
नेचुरल फार्मिंग से घटेगी लागत
मुख्यमंत्री ने केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्भरता कम करने और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नेचुरल फार्मिंग से न केवल खेती की लागत घटेगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगी। किसानों को जागरूक करने और कृषि को उद्यमिता से जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।इस आयोजन में 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में देश-विदेश के विशेषज्ञ और किसान एक मंच पर आकर विचार साझा कर रहे हैं। यह आयोजन उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वैश्विक भागीदारी से बढ़ेगी कृषि क्षेत्र की ताकत
सीएम योगी ने सीआईआई और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों का आभार जताते हुए कहा कि पहली बार यह आयोजन उत्तर प्रदेश में हो रहा है। नीदरलैंड्स के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, यूके, कनाडा, स्पेन और यूगांडा जैसे देश भी इसमें भाग ले रहे हैं।सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में किसान सम्मान निधि, मृदा परीक्षण और कृषि बीमा जैसी योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बना रही हैं। कृषि भारत 2024 जैसे आयोजन से न केवल किसानों को नई तकनीकों की जानकारी मिलेगी, बल्कि उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।