जिले के सभी नौ शिक्षा क्षेत्रों में तैनात खंड शिक्षाधिकारियों को पिछले चार महीनों से वाहन की सुविधा नहीं मिल रही है। परिणामस्वरूप, बीईओ निजी वाहनों का इस्तेमाल कर विद्यालयों का निरीक्षण और अन्य शासकीय कार्य कर रहे हैं। यह संकट तब उत्पन्न हुआ, जब बीईओ को वाहन आपूर्ति करने वाली निविदा 31 जुलाई को समाप्त हो गई, और अब तक निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।पिछले बीएसए कल्पना देवी के कार्यकाल में सुल्तानपुर की फर्म, आशुतोष इंटरप्राइजेज, को चयनित किया गया था। लेकिन निविदा पर आपत्ति उठने के बाद इसे रोक दिया गया। अधिकारियों और कर्मचारियों ने जानबूझकर इस प्रक्रिया को लटका दिया, जिससे फर्म को लाभ मिल सके।
वाहन आपूर्ति की निविदा प्रक्रिया लंबित
बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से बीईओ को वाहन आवंटित किया जाता है, लेकिन मार्च 2024 में इसकी निविदा समाप्त हो गई थी। जून तक इसे तीन महीने के लिए बढ़ाया गया, फिर जुलाई में फिर एक महीने के लिए। जुलाई के बाद से वाहन आपूर्ति ठप हो गई, और नवीन निविदा प्रक्रिया में सुल्तानपुर की संस्था का नाम सामने आया। हालांकि, आपत्तियों के कारण निविदा फाइल को फिर से दबा दिया गया। नए बीएसए शुभम शुक्ला ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते अब तक यह पूरी नहीं हो सकी है। इस कारण बीईओ के लिए अपनी कार्य क्षमता का सही उपयोग करना मुश्किल हो रहा है, और उनका शैक्षिक कार्य प्रभावित हो रहा है।