विश्व दिव्यांग दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजनों की क्षमताओं और योगदान को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन जब भी अवसर पाते हैं, अपनी प्रतिभा से यह साबित करते हैं कि वे किसी से कम नहीं हैं। सीएम ने ऋषि अष्टावक्र, महाकवि सूरदास और स्टीफन हॉकिंग जैसे महान व्यक्तित्वों के उदाहरण देते हुए कहा कि इच्छाशक्ति और प्रोत्साहन से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए चलाए जा रहे कल्याणकारी कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दिव्यांग पेंशन राशि 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी गई है, जिससे 11 लाख दिव्यांगजन लाभान्वित हो रहे हैं। मूकबधिर बच्चों के कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए छह लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है।

परिवहन में निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था
उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए बेहतर शिक्षा, रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया। राज्य में संचालित दिव्यांग विश्वविद्यालय और प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। साथ ही, सरकारी भवनों में रैंप और परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था की सराहना की। कार्यक्रम में दिव्यांगजन और मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया, जो आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का प्रतीक बन रहे हैं।
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