बलरामपुर जिले में मेडिकल कॉलेज के संचालन को लेकर चल रहा संशय अब समाप्त हो गया है। अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय के पहले प्राचार्य के रूप में प्रो. डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसके साथ ही बलरामपुर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल शिक्षा शुरू होने की उम्मीदों को बल मिला है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निरीक्षण के बाद मेडिकल कॉलेज के संचालन को प्राथमिकता दी गई। शासन के निर्देश पर 6 दिसंबर को प्राचार्य की नियुक्ति का आदेश जारी हुआ। सोमवार को जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने नवागत प्राचार्य को कार्यभार ग्रहण कराया।
नए सत्र से शुरू होगी एमबीबीएस की पढ़ाई
प्रो. चतुर्वेदी ने बताया कि जुलाई-अगस्त 2025 से एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासनिक भवन, प्रोफेसर्स आवास और छात्रावासों के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है, और निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। फिलहाल उपलब्ध संसाधनों से संचालन किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज भवन और अस्पताल का समन्वय
300 बेड का अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज भवन और 100 बेड का संयुक्त जिला चिकित्सालय कॉलेज का हिस्सा होंगे। चिकित्सीय व्यवस्थाओं पर नजर रखने और संचालन के लिए प्राचार्य का कार्यालय जिला चिकित्सालय में स्थापित किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा के नए युग की शुरुआत
बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज का संचालन जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल स्थानीय छात्रों को उच्च चिकित्सा शिक्षा का अवसर देगा, बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों को उन्नत चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान करेगा।
नए प्राचार्य का परिचय
प्रो. डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में 18 वर्षों का अनुभव रखते हैं। बनारस के मूल निवासी और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, वह बहराइच मेडिकल कॉलेज में फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने बलरामपुर में मेडिकल शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने का संकल्प लिया है। बलरामपुर के नागरिकों को अब अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज से न केवल चिकित्सा शिक्षा का लाभ मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं में भी सुधार की उम्मीद है।