गोरखपुर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह के समापन समारोह में मंगलवार को CM योगी पहुंचे। उन्होंने कहा-जीवन का उद्देश्य डिग्री लेना नहीं होना चाहिए। युवा समाज को बेहतर बनाएं। समय के साथ हमें खुद को तैयार करना होगा।उन्होंने कहा- हम टेक्नोलॉजी से भाग नहीं सकते। लेकिन याद रखिए तकनीक मानव के लिए मानव तकनीक के लिए नहीं है। हम तकनीक को अपने अनुसार संचालित करें न कि हम तकनीक के अनुसार संचालित न हों।सीएम योगी ने कहा कहा- आपके समय का एक बड़ा समय आपका स्मार्टफोन खा जा रहा है। अनावश्यक रूप से घंटों बैठकर स्मार्टफोन पर देखता रहता है। कभी-कभी तो मेरा सिर चकरा जाता है। देखता हूं बहुत सारे लोग नमूने बन जाते हैं। इतना अगर आप प्रकृति के साथ रहकर, या अपने किसी रोचक या जीवन क्षेत्र से जुड़े पुस्तक के लिए अपना इतना समय दे देंगे तो आपके लिए ज्यादा उपयोगी हो सकता है।
पहली बार मुझे कोई ऐसा राजनेता मिला – सत्यार्थी
सीएम ने कहा- मोबाइल पर बच्चे ऑनलाइन गेम खेल कर समय बर्बाद कर रहे हैं। अगर अपने रुचि की चीजों पर ध्यान दें तो समाज के साथ बेहतर व्यक्तित्व का भी विकास होगा।नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा- 25 साल पहले कुछ मित्रों से पता चला कि यहां जो मठ है उसके आसपास लगने वाली दुकानों के पास पता चला कि वहां कुछ नेपाल के बच्चे काम कर रहे थे। मैं और मेरे साथियों ने सोचा कि उस समय के युवा सांसद और महंत से मुलाकात की जाए।उन्होंने कहा- जब मैं यहां और दूसरी मंजिल के फ्लैट पर पहुंचा तो देखा दो-तीन साधरण सी लकड़ी कुर्सियां पड़ी थी। एक तख्त पर भगवा चादर बिछी थी। उस वक्त भी आप मुस्कुराए और मैंने अपनी बात रखी। मेरे सामने आप ने फोन घुमाया और सहयोगियों से कहा कि यहां जो भी बुराई चल रही है उसे तत्काल समाप्त करके मुझे बताइए।मैं पहले भी कई मंत्रियों से मिला और उनके पास जाकर बैठा। लेकिन पहली बार मुझे ऐसे राजनेता का यह रूप देखने को मिला। बोलिये कौन नहीं उनका दीवाना नहीं हो जाएगा।
800 विद्यार्थियों और शिक्षकों का सम्मान
समारोह में परिषद द्वारा विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने वाले 800 विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और संस्थाओं को ट्रॉफी, पदक और नकद पुरस्कारों से नवाजा गया।1932 में गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की ओर से स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का उद्देश्य पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण लाना था। परिषद के इस शैक्षिक सफर की शुरुआत 4 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई थी।
शिक्षा पर आधारित पुस्तक का विमोचन
समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कैलाश सत्यार्थी ने एमपीपीजी कॉलेज की शिक्षा शास्त्र विभाग की अध्यक्ष शिप्रा सिंह की पुस्तक ‘शिक्षा की भारतीय अवधारणा’ का विमोचन किया । यह पुस्तक प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धतियों और उनके आधुनिक संदर्भ में महत्व को दर्शाती है।