जिले के मेमोरियल अस्पताल में मंगलवार को उस वक्त हंगामा मच गया, जब एक मरीज के तीमारदार और सर्जन के बीच विवाद हो गया। घटना ने अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। मामला उस समय शुरू हुआ जब 63 वर्षीय कृष्ण प्रताप सिंह, जो ई-रिक्शा की टक्कर में घायल हो गए थे, इलाज के लिए अपने बेटे कुशाग्र सिंह के साथ अस्पताल पहुंचे।कुशाग्र सिंह और उनके पिता ने करीब एक घंटे तक अस्पताल में इंतजार किया, लेकिन जब उनके पिता को ऑपरेशन थिएटर (ओटी) के बाहर कक्ष में ले जाया गया, तो सर्जन डॉ. बृजेश यादव वहां पहुंचे। डॉ. बृजेश यादव ने तीमारदारों से अभद्रता की और गालियां दीं। आरोप है कि उन्होंने तीमारदारों से कहा कि अगर यह मेडिकल कॉलेज होता तो वे जैसे लोग अस्पताल में घुसने की हिम्मत भी नहीं कर सकते। यह बातें सुनकर तीमारदार गुस्से में आ गए और विवाद बढ़ गया। कुशाग्र सिंह ने गुस्से में आकर पुलिस को कॉल किया, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया। पुलिस ने दोनों पक्षों से बयान लिया और अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों से भी जानकारी ली।
ओपीडी दो घंटे तक रही बाधित
इस विवाद के कारण अस्पताल की ओपीडी दो घंटे तक बाधित रही, जिससे इलाज में देरी हुई और मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ा। पुलिस ने तीमारदारों से तहरीर ली है और मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी। सर्जन डॉ. बृजेश यादव ने कहा कि कुछ लोग उनके ऊपर हमला करने के इरादे से आए थे, जिस वजह से उन्हें ओटी में शरण लेनी पड़ी।
पुलिस मामले की कर रही जांच
पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब तक सर्जन की ओर से कोई औपचारिक प्रार्थना पत्र नहीं मिला है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे सभी तथ्यों की जांच करेंगे और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।