जिले में ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि देखी जा रही है। खासकर सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या अधिक है। डॉक्टर लोगों को उपचार के साथ ही सर्दी से बचाव के तरीके भी समझा रहे हैं।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह से दुरुस्त किया गया है। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के साथ-साथ ठंड से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
ठंड से बेहाल लोग, स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
जिले में बीते दो महीने से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर दिया है। ठंड के कारण सुबह से ही जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की भीड़ जुट रही है। तुलसीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. विकल्प मिश्रा ने बताया कि बदलते मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार के मामलों में तेजी आई है।
डॉक्टरों ने दी सलाह
- गर्म कपड़े पहनें: बाहर निकलते समय सिर, कान और पैर ढक कर रखें।
- भरपूर पानी पिएं: शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पानी का सेवन करें।
- धूप लें: सुबह की धूप में बैठना हड्डियों और शरीर के दर्द में राहत देता है।
- व्यायाम करें: ठंड में शरीर को सक्रिय रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
- पौष्टिक आहार लें: खानपान में सूप, हरी सब्जियां और गर्म पेय शामिल करें।
सर्दियों में खानपान और व्यायाम पर दें विशेष ध्यान
डॉ. विकल्प मिश्रा का कहना है कि ठंड के मौसम में मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए खानपान में पोषणयुक्त आहार और नियमित व्यायाम बेहद जरूरी हैं। ठंड में मसल्स सुस्त हो जाते हैं, इसलिए सक्रिय रहने के लिए व्यायाम ही सबसे अच्छा उपाय है।उन्होंने बताया कि गर्म कपड़ों का उपयोग, सिर, कान और पैरों को ढककर रखना, और शरीर को हाइड्रेटेड रखना सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण है। पानी पीने की मात्रा कम न करें और दिनभर में कम से कम चार लीटर पानी जरूर पिएं।
धूप है स्वास्थ्य का सबसे बड़ा सहारा
डॉ. विकल्प मिश्रा ने बताया कि सर्दियों में धूप का अभाव कई समस्याएं पैदा करता है। जब भी सुबह धूप निकले, तो उसे अवश्य लें। सुबह की धूप विटामिन-डी का एक प्रमुख स्रोत है, जो हड्डियों के विकास और जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक है। धूप से रक्त संचार बेहतर होता है और नमी के कारण होने वाले संक्रमणों को भी रोका जा सकता है।