बलरामपुर। राप्ती नहर निर्माण मण्डल द्वितीय, बस्ती के अधीक्षण अभियंता आन्नद कुमार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पूर्व विधायक शैलेश कुमार सिंह उर्फ शैलू सिंह ने अधीक्षण अभियंता आनंद कुमार पर पदीय शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की है।पूर्व विधायक शैलू सिंह के मुताबिक निविदा सूचना संख्या 10/एस.ई./2024-25 के अंतर्गत 6 कार्यों के टेंडर आमंत्रित किए गए थे, लेकिन सभी निविदा दाताओं के टेंडर निरस्त कर दिए गए। इसके बाद चयनित ठेकेदारों से सीधे अनुबंध कर लिया गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि तकनीकी बिड और वित्तीय बिड दोनों एक ही दिन खोली गईं और उसी दिन अनुबंध कर दिया गया। यह प्रक्रिया नियमों और पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाने वाली बताई गई है।पूर्व विधायक द्वारा भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि टेंडर प्रक्रिया के बाद जिन कार्यों को अंजाम दिया गया, उनमें गुणवत्ता का घोर अभाव देखा गया है। निर्माण कार्यों में पीली ईंटें और घटिया खंडजा जैसी निम्नस्तरीय सामग्री का उपयोग किया गया है, जो निर्धारित तकनीकी मानकों के खिलाफ है। इससे परियोजना की दीर्घकालीन मजबूती और गुणवत्ता पर बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। इस गंभीर प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराते हुए संबंधित अभियंता और अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि ऐसे मामलों में ढिलाई बरती गई, तो न केवल सरकारी खजाने पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा, बल्कि जनहित की योजनाओं की साख भी प्रभावित होगी।
मौके पर कार्यों की स्थिति भी सवालों के घेरे में
शैलू सिंह के अनुसार स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार साइट पर जो कार्य होना चाहिए, वह जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा। यानी न केवल टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई, बल्कि काम में भी भारी अनियमितताएं बरती गईं। उन्होंने मांग की है कि कार्यस्थल पर जाकर वास्तविक स्थिति का निरीक्षण किया जाए और जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाए।