बलरामपुर। जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की मंशा से जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने गुरुवार को संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सालय के विभिन्न विभागों का विस्तार से जायजा लिया और व्यवस्थाओं को परखा। निरीक्षण करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चला, जिसमें डीएम ने ओपीडी, इमरजेंसी, लेबर रूम, इंजेक्शन कक्ष, प्लास्टर कक्ष, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस यूनिट, आयुष्मान हेल्प डेस्क सहित कई विभागों का निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान प्लास्टर कक्ष बंद मिला, जिस पर डीएम ने नाराजगी जताई। अधीक्षक ने जानकारी दी कि आर्थोपेडिक विशेषज्ञ काफी समय से अनुपस्थित हैं। इस पर डीएम ने संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान के अंतर्गत लगाए गए कैंप में गर्भवती महिलाओं की जांच हो रही थी। डीएम ने निर्देशित किया कि किसी भी जांच में कोताही न हो और सभी जरूरी परीक्षण सुनिश्चित किए जाएं। टीकाकरण संबंधी व्यवस्थाओं को भी सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान डीएम ने मरीजों से सीधे संवाद किया और पूछा कि कहीं बाहर से दवाएं तो नहीं लिखी जा रहीं। मरीजों ने संतोष जताते हुए बताया कि उन्हें सभी दवाएं चिकित्सालय से ही मिल रही हैं। डीएम ने सभी मरीजों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के निर्देश भी दिए।
रसोई की गुणवत्ता पर जताई असंतुष्टि
डीएम ने अस्पताल के रसोईघर का निरीक्षण भी किया। भोजन की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई, जिस पर उन्होंने तुरंत सुधार लाने के निर्देश दिए। पीकू वार्ड में भर्ती बच्चों की संख्या कम होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि बच्चों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।डीएम ने अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था और मरीजों व तीमारदारों के लिए ठंडे पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कोविड वार्ड (32 वार्ड) को दोबारा उपयोग में लाने का भी आदेश दिया गया। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। डीएम ने स्पष्ट संदेश दिया कि जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सुधार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तत्परता से कार्रवाई करनी होगी।
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