“हजार 2 हजार लेकर मैनेज हो जाइए. नहीं तो आपके लिए अच्छा नहीं होगा. मैं 500 की यूरिया खाद बेचू या फिर 1000 की यह मेरी दुकान है यह मेरा काम है. सारे अधिकारी ऊपर से नीचे तक मैनेज करने पड़ते हैं. सभी को पैसा देता हूं तब जाकर क्षेत्र में दुकान चला रहा हूं.ये शब्द हैं साहू ट्रेडर्स के मालिक बूद्दू साहू के. जिसने पत्रकार के साथ अभद्रता की. साथ ही मैनेज होने का दबाव बनाया”
पुरा मामला रायबरेली के टिकरा बाजार का हैं. जहाँ पर साहू ट्रेडर्स नाम की एक दुकान हैं. यहां पर किसानों के साथ खेल खेला जा रहा है. उन्हें 260 रुपए की यूरिया खाद 500 रुपए की दी जा रही हैं. जब किसान सवाल करते हैं तो उनके साथ गाली-गलौज और अभद्रता की जाती हैं. दुकान मालिक बुद्धू साहू लोगों को धमकाते हुए कहता है कि ऊपर से नीचे तक सबको पैसा देता हूं. किसी की हिम्मत नहीं जो हमारी दुकान को बंद करवा पाए या फिर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही करवा पाए. मेरा जो मन करेगा मैं वही करूंगा. सारे अधिकारी मेरी जेब में है. सबको पैसे देता हूँ.
सरकारी रेट को ताख पर रखकर, डबल रेट पर बेचता है खाद
क्षेत्र के किसानों ने कहा कि जब दुकान पर कोई भी पदार्थ लेने जाते हैं तो व्यवहार अमर्यादित और अभद्रता पूर्वक रहता है. किसी से तमीज और लहजे में दुकानदार बात नहीं करता. और 60 रुपए की जिंक 100 रुपए की बेचता है. यूरिया खाद 260 रुपए की 500 रुपए की बेचता है.जब इसका विरोध किया जाता है तो गाली गलौज कर अपनी दुकान से भगा देता है. किसानों ने आगे बताया कि इस दुकानदार बुद्धू साहू का अधिकारियों में दबदबा है. यह अधिकारियों को पैसे खिलाता है. इसलिए अधिकारी भी कोई कार्यवाही नहीं करते है.
टॉप 20 में आने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही
जिले के टॉप 20 में आने वाला साहू ट्रेडर्स जो अभी तक लगभग 4000 यूरिया खाद की बोरी भेज चुका है. उसे पर जिम्मेदारों ने अभी तक रोक क्यों नहीं लगाई. बाकी दुकानदारों का आरोप है कि मैंने कई महीने से यूरिया खाद के लिए जिम्मेदारों से अपील की.और जहां से खाद आती है वहां मैंने आर्डर दिया हुआ है.उसके बाद भी मुझे खाद नहीं मिल रही.और इस दुकानदार को इतनी बोरी खाद कैसे मिल गई और उसे डबल ट्रिपल रेट में दिन-रात बेची जा रही है. इसकी सह कौन दे रहा है. कौन है जिम्मेदार जिसकी सह पर साहू ट्रेडर्स क्षेत्र में गुंडई और ब्लॉकिंग कर 500 रुपए की यूरिया खाद बेच रहा है.
इस पूरे मामले में संबंधित अधिकारियों से जब बात की गई तो किसी ने भी फोन कॉल का जवाब नहीं दिया.