यूपी के फिरोजाबाद की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले सनसनीखेज मामले पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने FIR दर्ज करने और जांच के आदेश दिए हैं। यह वही संवेदनशील फैक्ट्री है, जहां सुखोई-30 ब्रेक पैराशूट टेक्नोलॉजी, गगनयान और ड्रोन जैसे अहम प्रोजेक्ट चल रहे हैं। मामला तब गंभीर हुआ, जब आरोप लगे कि डिप्टी जीएम हिम्मतलाल कुमावत ने विदेशी नागरिक को टूरिस्ट वीजा पर फैक्ट्री में प्रवेश दिलाया और सुरक्षा अधिकारी पर दबाव बनाया। इसके अलावा, ATS ने चार्जमैन रविंद्र को ISI एजेंट से संपर्क और गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
स्मार्टफोन बैन से भड़के अफसर, सुरक्षा अधिकारी पर हंगामा
यह विवाद तब शुरू हुआ जब सुरक्षा अधिकारी राघव शर्मा, जो पूर्व नेवी ऑफिसर रह चुके हैं, ने फैक्ट्री में सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए। स्मार्टफोन बैन और बिना अनुमति किसी को एंट्री न देने के नियमों ने कुछ अधिकारियों को नाराज कर दिया। 21 फरवरी को इन अधिकारियों ने राघव के खिलाफ नारेबाजी की, घेराव किया और जान से मारने की धमकी दी। हालात बेकाबू होने पर पुलिस को बुलाना पड़ा।

डिप्टी जीएम ने विदेशी मित्र को घुमाया, सिक्योरिटी क्लियरेंस से इनकार पर धमकी
जांच में पता चला कि फैक्ट्री के डिप्टी जनरल मैनेजर हिम्मतलाल कुमावत ने अपने विदेशी मित्र थॉमस एडियम (पासपोर्ट नंबर A05451586), जो अमेरिकी कंपनी एयरोडाइन से जुड़ा है, को 24 से 28 फरवरी 2025 के बीच टूरिस्ट वीजा पर भारत बुलाया और बिना अनुमति फैक्ट्री में एंट्री दिलाई। जब सुरक्षा अधिकारी राघव शर्मा ने सिक्योरिटी क्लियरेंस देने से इनकार किया, तो उन पर दबाव डाला गया और धमकियां दी गईं।

ATS ने की थी कार्रवाई, चार्जमैन हुआ था गिरफ्तार, ISI लिंक का खुलासा
14 मार्च 2025 को मामला और गंभीर हो गया जब उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने फैक्ट्री के चार्जमैन रविंद्र को ISI एजेंट से संबंध रखने और स्मार्टफोन के जरिए गोपनीय दस्तावेज भेजने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। खुलासा हुआ कि स्मार्टफोन बैन के बावजूद रविंद्र को मौखिक अनुमति डिप्टी जीएम हिम्मतलाल और विपिन कटियार ने दी थी। यह फैक्ट्री के स्टैंडिंग ऑर्डर का सीधा उल्लंघन था।
जांच शुरू करने पर सुरक्षा अधिकारी पर हमला
जब राघव शर्मा ने इस सुरक्षा चूक पर कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों से लिखित स्पष्टीकरण मांगा, तो उनके कार्यालय में हमला कर दिया गया। प्रार्थनापत्र के अनुसार, हिम्मतलाल और विपिन ने पेन और पेपरवेट से उन पर हमला किया और जान से मारने की धमकी दी। मौके पर मौजूद गार्ड और अन्य कर्मचारियों ने बीच-बचाव कर राघव को बचाया।
SSP से कार्रवाई न होने पर कोर्ट पहुंचे प्रार्थी, FIR के आदेश
राघव ने पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद को शिकायत भेजी, लेकिन कार्रवाई न होने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए CJM नरेश कुमार ने आदेश दिया कि 24 घंटे के भीतर FIR दर्ज की जाए और रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह घटना उच्च सुरक्षा प्रतिष्ठान में सुरक्षा अधिकारी के कर्तव्यों में बाधा डालने और हत्या की कोशिश से जुड़ी है, जिसकी जांच अनिवार्य है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़, आने वाले दिनों में और खुलासे
यह मामला न सिर्फ फैक्ट्री की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि निजी हितों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा नियमों को ताक पर रखा गया। ATS की कार्रवाई और कोर्ट के आदेश के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस कड़ी में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।