गोंडा। प्रदेश में चर्चित अनामिका शुक्ला फर्जीवाड़ा केस ने नया मोड़ ले लिया है। कोर्ट के आदेश पर नगर कोतवाली पुलिस ने गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी समेत आठ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अनामिका शुक्ला का नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है। यानी जिस युवती के नाम पर 25 जगह नौकरी की गई, अब वही इस मामले में FIR में नामजद हुई हैं। FIR में अतुल कुमार तिवारी के अलावा तत्कालीन वित्त एवं लेखा अधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित, पटल लिपिक सुधीर सिंह, अनुपम पांडेय, भैया चंद्रभान दत्त स्मारक विद्यालय के प्रबंधक दिग्विजयनाथ पांडेय, प्रधानाचार्य और एक अज्ञात व्यक्ति का नाम दर्ज है। यह पूरा मामला साल 2020 में सामने आया था। शिक्षा विभाग को जानकारी मिली कि अनामिका शुक्ला के नाम पर प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नौकरी की जा रही थी और करोड़ों रुपए का वेतन हर महीने उसके नाम पर निकाला जा रहा था। इस मामले की जांच विशेष जांच दल (STF) को सौंपी गई और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।
असली अनामिका ने दी थी शिकायत
जांच के दौरान असली अनामिका शुक्ला खुद गोंडा BSA कार्यालय पहुंची और शिकायत दी कि उसके शैक्षिक दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि वह बेरोजगार हैं, लेकिन उनके नाम पर प्रदेश भर में लोग नौकरी कर रहे हैं और वेतन ले रहे हैं। इसके बाद विभाग ने उन्हें अस्थायी तौर पर नियुक्ति पत्र दिलाया। STF और विभागीय जांच में यह बात सामने आई कि अनामिका शुक्ला भैया चंद्रभान दत्त विद्यालय में 2017 से तैनात थीं और वेतन भी ले रही थीं। सवाल यह उठता है कि जब वह पहले से नौकरी कर रही थीं, तो 2020 में उनकी दोबारा नियुक्ति कैसे हुई? इसी विरोधाभास ने मामले को और जटिल बना दिया।
FIR में बड़े अफसर और अनामिका का नाम शामिल
जनसंवाद मंच के कार्यकर्ता प्रदीप कुमार पांडेय ने कोर्ट में अर्जी देकर आरोप लगाया कि बेसिक शिक्षा विभाग में एक सिंडिकेट सक्रिय है। यह गिरोह युवाओं का डाटा लीक करता है और फर्जी नियुक्तियों के जरिए करोड़ों रुपए का गबन करता है। प्रदीप का कहना है कि अनामिका शुक्ला का मामला इसी बड़े खेल का हिस्सा है।
2025 में भी खाते में पहुंचा वेतन
प्रदीप पांडेय ने दावा किया कि 9 जनवरी 2025 को भी अनामिका शुक्ला के खाते में विभाग की ओर से वेतन भेजा गया। जब इस पर सवाल किया गया तो डीएम ने सफाई दी कि यह अगस्त 2024 के वेतन संशोधन का हिस्सा था। वहीं आरोप है कि वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय ने बिना किसी प्रस्ताव के सीधे खाते में वेतन भेजा।
पुलिस जांच फिर से शुरू
नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज कर ली गई है। जांच उपनिरीक्षक शुभम दुबे को सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।