लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल में हाल की हिंसा को लेकर गठित न्यायिक जांच आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 450 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में जनसंख्या संतुलन में आए भारी बदलाव, दंगों की साजिशों, तुष्टिकरण की राजनीति और आतंकी संगठनों की गतिविधियों का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
डेमोग्राफी में बड़ा बदलाव
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में आज़ादी के वक्त संभल नगर पालिका क्षेत्र में 55 प्रतिशत मुस्लिम और 45 प्रतिशत हिंदू रहते थे। लेकिन दशकों में हालात इस कदर बदले कि अब यहां मुस्लिम आबादी 85 प्रतिशत तक पहुँच गई है, जबकि हिंदू मात्र 15 से 20 प्रतिशत ही बचे हैं। आयोग का कहना है कि बार-बार हुए दंगे और तुष्टिकरण की राजनीति ने जनसंख्या संतुलन को पूरी तरह बदल दिया।
1947 से अब तक 15 बड़े दंगे
जांच रिपोर्ट में दर्ज है कि 1947 से लेकर 2019 तक संभल में 15 बड़े दंगे हो चुके हैं। हर बार इन दंगों में मुख्य रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल की हिंसा में भी बाहरी उपद्रवियों को बुलाकर दंगे की साजिश रची गई थी, लेकिन पुलिस की तैनाती के चलते बड़ा नुकसान होने से बच गया।
आतंकी संगठनों की मौजूदगी
आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संभल में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। इसमें मौलाना आसिम उर्फ सना-उल-हक का नाम भी शामिल है, जिसे अमेरिका पहले ही आतंकवादी घोषित कर चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन संगठनों की गतिविधियाँ लंबे समय से जिले में चल रही हैं।
अवैध कारोबार और मंदिर विवाद
रिपोर्ट में अवैध हथियारों और नशे के धंधे के बढ़ते जाल का जिक्र किया गया है। इसके अलावा हरिहर मंदिर से जुड़े विवाद को भी विशेष रूप से दर्ज किया गया है। आयोग का मानना है कि इन गतिविधियों ने इलाके की सामाजिक और धार्मिक स्थिति को और असंतुलित कर दिया है।प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और गृह संजय प्रसाद ने कहा कि संभल मामले की न्यायिक जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है। रिपोर्ट का परीक्षण किया जाएगा और उसकी सत्यता परखने के बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।