गोंडा। जिले के 28 एडेड कॉलेजों में 2017-18 से बड़ी संख्या में बिना विज्ञापन, बिना अनुमोदन और बिना योग्यता के 400 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। इस मामले की जांच के लिए 2019 में आईएएस रेणुका कुमार की सिफारिश पर एसआईटी गठित हुई थी, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है।एसआईटी जांच के आड़ में हर वर्ष इन कर्मचारियों को करोड़ों रुपए वेतन के रूप में भुगतान किया जा रहा है। जांच में तेजी न होने के कारण मामला उलझता जा रहा है। एसआईटी टीम के निरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह ने अब तक अपनी रिपोर्ट सबमिट नहीं की है।
गंभीर अनियमितताएं सामने आईं
जांच में यह भी पता चला कि कई शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की तारीख, विज्ञापन, पद स्वीकृति और डिग्री से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। कई कॉलेजों में छात्रों की संख्या कम होने के बावजूद अध्यापकों की संख्या ज्यादा है।उदाहरण के तौर पर, बालक भगवान लघु माध्यमिक विद्यालय भटपुरवा विशुनपुर संगम में 300 से अधिक छात्र होने के बावजूद 60 से ज्यादा शिक्षक हैं। रामपुर टेंगरहा के भैया चंद्रभान दत्त लघु माध्यमिक विद्यालय में भी 45 से अधिक अध्यापक नियुक्त हैं।
प्रशासनिक सिफारिश और शिकायत
2019 में आईएएस रेणुका कुमार को एक शिकायत पत्र मिला था, जिसमें इन 28 कॉलेजों में कथित फर्जीवाड़े का आरोप था। इस पर एक चार सदस्यीय जांच समिति बनी, जिसने जांच के बाद बड़ी अनियमितताएं उजागर कीं।इसी के आधार पर तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के निर्देशन में एसआईटी जांच शुरू हुई, लेकिन आज तक जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जांच अभी जारी है और अभिलेखों का सत्यापन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।