बलरामपुर। जिले के गैसड़ी थाना क्षेत्र में धर्मांतरण के कथित सिंडिकेट पर प्रशासन और न्यायालय ने कड़ा कदम उठाया है। ग्राम बभनपुरवा निवासी मुराली की शिकायत पर दर्ज मामले में न्यायालय ने अभियुक्त शमसुद्दीन और जलालुद्दीन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। मुराली ने तहरीर में आरोप लगाया कि उनके खिलाफ इस्माइल ने अपने सहयोगियों, ग्राम प्रधान शमसुद्दीन और सभासद जलालुद्दीन के साथ मिलकर उनकी पत्नी और बच्चों का धर्मांतरण कराया। पीड़ित ने बताया कि उन्हें और उनके बच्चों को उतरौला स्थित छांगुर बाबा की मजार पर बुलाया गया, जहां दुवा-ताबीज और लालच के बहाने धर्मांतरण किया गया। यह कथित नेटवर्क छांगुर बाबा सिंडिकेट से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
महिलाओं और बच्चों का जबरन कराया धर्मांतरण
गैसड़ी थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। मामले में आरोपी शमसुद्दीन और जलालुद्दीन ने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। उनके वकीलों का दावा था कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और आरोपित निर्दोष हैं।वहीं, अभियोजन पक्ष ने पीड़ित मुराली का पक्ष मजबूती से रखा। शासकीय अधिवक्ता नवीन तिवारी, वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर सत्रुजीत सिंह और अधिवक्ता अजीत शुक्ला ने अदालत को बताया कि अभियुक्तों ने लालच और प्रलोभन देकर महिलाओं और बच्चों का जबरन धर्मांतरण कराया, जो कानून के खिलाफ है।सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।