लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 9 साल बाद पहली बार बड़ी रैली करने जा रही हैं। यह रैली कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर राजधानी लखनऊ में होगी। इसे पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन की ताकत दिखाने के बड़े मौके के तौर पर देख रही है।रविवार को बुलाई गई बैठक में कांशीराम की पुण्यतिथि पर होने वाले कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। साथ ही पंचायत चुनाव को लेकर संगठन की तैयारियों की समीक्षा की गई।बैठक में मायावती ने प्रदेशभर की रिपोर्ट ली और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए बूथ कमेटियों के गठन की प्रगति पर फीडबैक लिया। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी को जमीनी स्तर तक सक्रिय करना होगा ताकि चुनाव से पहले संगठन मजबूत स्थिति में हो।9 सितंबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में होने वाली रैली में बसपा प्रदेशभर से कार्यकर्ताओं को जुटाने की तैयारी कर रही है।
बैठक में भतीजे आकाश की गैरहाजिरी से उठे सवाल
हालांकि पार्टी की समीक्षा बैठक में सभी जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारी मौजूद थे, लेकिन मायावती के भतीजे आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की गैरहाजिरी ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना दिया है। सूत्र बताते हैं कि आकाश फिलहाल बिहार चुनाव प्रभारी बनने के कारण यूपी की बैठकों से दूर हैं, लेकिन बसपा के भीतर इसको लेकर अलग-अलग अटकलें लग रही हैं।
संगठन को मजबूत करने का मास्टर प्लान, बूथ स्तर तक सख्ती
मायावती ने पार्टी की बैठक में संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ स्तर तक पार्टी कमेटियों के गठन पर जोर दिया। उन्होंने सभी मंडल और जिला प्रभारी को 9 अक्टूबर की रैली के लिए हर विधानसभा से कम से कम 50-50 बसें जुटाने का टास्क दिया है। उनका मानना है कि बहुजनों के स्वाभिमान को बुलंद करने के लिए पूरी पार्टी को एकजुट होकर काम करना होगा।
विपक्ष पर साधा निशाना, साजिशों का लगाया आरोप
मायावती ने विपक्षी दलों पर बसपा और बहुजन नेतृत्व को कमजोर करने की साजिशों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने की कोशिशें हो रही हैं। सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली हरकतों पर भी उन्होंने चिंता जताई और सरकार से संकीर्ण जातिवादी राजनीति छोड़ने की अपील की।
अमेरिकी ‘ट्रम्प टैरिफ’ पर केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर मायावती ने सवाल उठाए और अमेरिकी ‘ट्रम्प टैरिफ’ को भारत के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र की गलत नीतियों के कारण गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है, जो देश की विश्व में छवि को कमजोर कर रही है। मायावती ने केंद्र सरकार से तत्काल सुधार की मांग की और चेताया कि यदि हालात नहीं सुधरे तो जनता सख्त प्रतिक्रिया देगी।बसपा की यह बैठक आगामी पंचायत चुनाव 2025 और विधानसभा चुनाव 2027 के लिए संगठन को मज़बूत करने की तैयारी का अहम हिस्सा है। पार्टी मुख्यालय पर लगे मायावती, आनंद और आकाश के होर्डिंग से साफ है कि पार्टी में नेतृत्व की अगली पंक्ति भी सक्रिय हो चुकी है। बसपा अब यूपी के चुनावी मैदान में अपनी पकड़ और मजबूती के लिए जोर-शोर से तैयारी में जुट गई है।
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