लखनऊ। लखनऊ और उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि शहर की ही जंगीपुरवा, गैन्जहवा की रहने वाली 12 वर्षीय योग प्रतिभा आरना ओम सिंह ने मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित तीसरी एशिया पैसिफिक योग चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया है।आरना ने लगभग 12 देशों के 250 से अधिक प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए न केवल स्वर्ण पदक जीता बल्कि “Champion of Champions” की ट्रॉफी भी अपने नाम की। यह ट्रॉफी इस बात का प्रमाण है कि आरना योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ी हैं।आरना ओम सिंह न केवल योग प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं, बल्कि योग के क्षेत्र में कम उम्र में कई कीर्तिमान भी स्थापित कर चुकी हैं। उनके नाम दो विश्व रिकॉर्ड हैं, जिनमें न्यूनतम समय में सर्वाधिक बार कलाबाज़ी करने का रिकॉर्ड शामिल है। इसके साथ ही 10 और 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने योग विषय पर दो पुस्तकें भी लिखी हैं, जो उनकी योग के प्रति गहरी समझ और समर्पण का परिचायक हैं।
कम उम्र में बना योग का नया रिकॉर्ड
आरना ने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी योग प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह CISCE राष्ट्रीय खेल 2024 की स्वर्ण पदक विजेता हैं। इसके अलावा उन्होंने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) की लयबद्ध योग श्रेणी में भाग लिया है। उनकी योग कला ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई बार प्रशंसा बटोरी है।9 वर्ष की उम्र में ही दुबई एक्सपो 2022 में उन्हें रजत पदक से सम्मानित किया गया था। हाल ही में अमेरिका की द अमेरिकन यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें “Best Youth Nation Builder Award 2024” से नवाज़ा गया है, जो उनके उत्कृष्ट योगदान और राष्ट्र निर्माण में भूमिका को दर्शाता है।यूनिवर्सल योग स्पोर्ट्स फेडरेशन (UYSF) और यूनिवर्सल योग अलायंस (UYA) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित एशिया पैसिफिक योग चैंपियनशिप के लिए भारतीय दल में आरना का चयन उनके अनुशासन, योग कौशल और खेल के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चमका नाम
आरना के पिता ओम पाल सिंह, बीएसएनएल में एजीएम पद पर कार्यरत हैं, जबकि मां डॉ. प्रतिभा सिंह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में काम करती हैं। आरना वर्तमान में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की छात्रा हैं। स्कूल प्रशासन, उनके प्रशिक्षक और पूरा परिवार उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है।
युवा पीढ़ी के लिए मिसाल बनी आरना
आरना की यह उपलब्धि न केवल लखनऊ और प्रदेश के लिए गौरव की बात है, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा भी है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और योग के प्रति लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। ऐसे युवा ही देश का नाम विश्व स्तर पर ऊंचा करते हैं और युवाओं को स्वस्थ, सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगदान देते हैं।