देश बदल रहा है… ये स्लोगन काफी देखा और सुना लग रहा होगा? लेकिन क्या सच में देश बदल रहा है या देश के मेट्रोपोलिटन शहर ही बदल रहे हैं क्यूंकि बात करें छोटे शहरों कस्बों और गांवों की तो वहां की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नजर आ रही है। गर्मी अपने चरम पर है लेकिन शहर हो या फिर ग्रामीण इलाका इस समय बिजली की धुआंधार कटौती को लेकर हर तरफ हो हल्ला मचा हुआ है। इस भीषण तपिश में आम इंसान झुलस रहा है वही आम इंसान जो अच्छा उपभोगता बनकर समय से बिजली बिल भुगतान करता है और जो न किया तो खैर ऐसे बिजली की तार से उसके घर को जुदा किया जाता है कि मानों पाषाण युग का मानव हो। ऐसे तो बिजली आपूर्ति का शेड्यूल भी तय किया गया है, जिसमें शहर क्षेत्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल है। वहीं तहसील क्षेत्र में साढ़े 21 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति करने का शेड्यूल तय है, लेकिन लोगों को शेड्यूल के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। हालत यह है कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में महज 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल रही है, जिससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
भगवतीगंज
लोगों को गर्मी से निजात नहीं मिल पा रही है। वहीं पसीने से तर बतर होने के साथ ही लोग जागकर रात गुजारने को विवश हो रहे हैं। वहीं जिम्मेदार सब कुछ जानकर चुप्पी साधे हुए हैं।भगवतीगंज क्षेत्र में इस समय महज चार से छह घंटे बिजली मिल रही है, लेकिन उसके भी आने का कोई समय नहीं रह गया है। हर समय थोड़ी-थोड़ी देर में बिजली कटती रहती है। दिन में 15 मिनट और आधे घंटे भी बिजली नहीं रहती है। इसी प्रकार रात में कभी 10 बजे तो कभी 1 बजे और कभी भोर में 3बजे बिजली आती हैं।
गुड़ मण्डी
पूरी रात जनता को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, बढ़ती गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती से जनता त्राहि कर रही है। वैसे तो गर्मी का मौसम होली के त्यौहार के बाद से ही प्रारंभ हो जाता है,किंतु मई और जून के महीने में गर्मी अपने प्रचंड रूप में होती है। सूर्य का तापमान बढ़ने से मई और जून के महीने में घर से निकलना तक मुश्किल हो जाता है, यदि घर में रहना पड़े और इसी समय बिजली भी कट जाए ऐसे में आम लोगों को काफी मुश्किल हो जाती है। जनपद बलरामपुर में भी वर्तमान समय में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। एक तो सूर्य का ताप बढ़ता जा रहा उसके ऊपर अघोषित बिजली कटौती से जनता और परेशान हो रही है।
हल खोजने की जरूरत
बलरामपुर नगर के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां इस भयानक गर्मी के समय में कई कई घंटों तक बिजली पूर्ण रूप से गायब ही रहती है।देखा जा सकता है की नगर के भगवतीगंज, गुड़ मंडी, और भी कई इलाकों से शिकायत आ रही है की यहां रात भर बिजली गुल रहती है। ऐसे में आम जनता करे भी तो क्या करे? संबंधित कर्मचारियों को फोन करने पर भी किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है संबंधित अधिकारियों को इस समस्या का हल खोजने की जरूरत है, जिससे इस भीषण गर्मी के मौसम में लोगों को कुछ राहत तो दी जा सके। वैसे तो सभी सरकारें ये दावा करती रहती हैं कि हम नागरिकों को 24 घंटे बिजली पहुंचा रहे हैं परंतु वास्तव में देखा जाए तो धरातल पर इसकी सच्चाई कुछ और ही है, इस अघोषित बिजली कटौती पर सभी सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं
विद्युत कटौती से परेशान
जिससे यह प्रतीत होता है कि आम जनता से उनका मतलब सिर्फ सत्ता पर काबिज होने तक ही होता है, असल में जनता की वास्तविक परेशानियों से उनका कोई मतलब नहीं होता। वही दूसरी ओर देखा जाए तो बिजली विभाग में नित नए नए बदलाव हो रहे है,अधिकारी दिन रात जनता के लिए खड़े रहने का दावा करते रहते हैं,मगर इस भीषण गर्मी के मौसम में इस अघोषित बिजली कटौती की ओर उनका भी कोई ध्यान नहीं है। वह तो अपने अपने सरकारी आवासों में सुकून की नींद सोते हैं। इस विद्युत कटौती से परेशान तो आम जनता ही होती है। आए दिन बिजली कटौती को लेकर आम जनता सड़कों पर उतरती है,बड़े अधिकारियों से सवाल पूछती है फिर भी यह व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही।ऐसे में जरूरी है की सरकारों को निर्देश देना चाहिए जिस से विद्युत विभाग इस समस्या की ओर ध्यान देते हुए जल्द से जल्द इसे सुलझाने का प्रयास करे। वरना वो दिन दूर नहीं जब बलरामपुर के वासियों को अपना अपना जुगाड़ कर फिर से ताल पोखरा खोद बदलते देश के बजाए समय काल में आदिमानवों जैसी जिंदगी गुजारने पर विवश होना पड़े।