उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य को लेकर काफी पैसे खर्च कर रही है कि जिससे उत्तर प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी तरह से मिल सके लेकिन जिम्मेदार डॉक्टर और जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाही भी देखने को मिल रही है जबकि डॉक्टर अस्पताल पर समय से नहीं पहुंचते हैं तो वही मरीज को निराश होकर लौटना पड़ता है ।
ऐसा ही मामला सिद्धार्थनगर जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वेवा के अंतर्गत नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकचई (बयारा) का है जहा पर तैनात डॉक्टर समय से नहीं आते हैं, बल्कि वहां पर 9:45 एक फार्मासिस्ट मिला जहां पर मरीज अस्पताल पहुंचे लेकिन उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ा जबकि स्वास्थ्य बिभाग इस समय आई फ्लू के सिद्धार्थनगर मे काफी केस आ रहे मरीज से बात किया तो मरीज का कहना है कि आधे घंटे से ऊपर हो चुका है और डॉक्टर नहीं आए हैं अब घर जा रहे हैं इस स्थित मे कैसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगा जब समय से डाक्टर ही अस्पताल पर नही आते है।
गंदगी का अम्बार
स्वास्थ्य विभाग आई फ्लू को लेकर भी अलर्ट है कि जिससे आई फ्लु के जो मरीज और केस आ रहे हैं अस्पतालों पर उनका इलाज होअस्पताल पर समय डॉक्टर नहीं पहुंचते हैं तो वही यह भी देखा गया कि पीने का पानी टोटी लगा है।
वहीं पर गंदगी का अम्बार रहा है जिससे साफ दिख रहा है कि जो इनक जिम्मेदार अधिकारी हैं वह अस्पताल का निरीक्षण नहीं करते हैं अगर अस्पताल का निरीक्षण किया जाता तो साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता और डॉक्टर भी समय से अस्पताल आते डॉ अनारूल हक जो नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकचई (बयारा)पर तैनात है वह प्राइवेट बयारा चौराहे पर अपना क्लीनिक खोलकर वहां प्राइवेट मरीज को देखते हैं तो साहब कैसे समय से नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकचई (बयारा)पहुंचेगे।