सद्भावना आवाज़
(सहाबुदीन फारूकी)
सिद्धार्थनगर
तहसील गेट के सामने चल रहा अस्पताल शाहिदा या साजिदा जांच का विषय अगर अस्पताल साजिदा है तो बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पताल चलाया जा रहा है अगर शाहिदा है तो लोगों को गुमराह करके साजिदा अस्पताल का बोर्ड लगाया गया है ।आपको बता दें कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिद्धार्थनगर द्वारा इन दिनों अभियान चलाया जा रहा है झोलाछाप डॉक्टर व फर्जी क्लिनिको पर लगातार छापामारी कर उनको नोटिस दिया जा रहा है आप को बताते चलें कि डुमरियागंज साजिदा अस्पताल मानक विहिन के रूप मे चल रहा है।अस्पताल पर लगे बोर्ड पर डाक्टरों के नाम तो दिखाई दे रहे है अस्पताल पर अधिकांश डॉक्टर नहीं रहते है अस्पताल में ना ही कोई मशीनरी की व्यवस्था है जिस से मरीज की जांच हो सके अस्पताल में अनट्रेंड स्टाप को रखा गया है उन्हीं के द्वारा इलाज किया जा रहा है।
मात्र 50 मीटर की दूरी
जिस से आए दिन मरीजो को खतरे का सामना करना पड़ता है यदि अस्पताल में लगे सीसी टीवी कैमरे की जांच कीजाय तो सच्चाई सामने आ जाएगी मजे की बात यह है कि सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रर बेवा के अधीक्षक व उपजिला अधिकारी महोदय का आना जाना उसी रास्ते से है उप जिलाधिकारी के अवास व अफिस से मात्र 50 मीटर की दूरी पर साजिदा अस्पताल स्थित है क्या उप जिला अधिकारी का अस्पताल पर नजर नहीं पड़ती है या फिर देख कर अनदेखा किया जा रहा है ।
मरीजो की जा सकती है जान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने आदेश में यह स्पष्ट कहा है की यदि समय रहते जांच अधिकारी कार्रवाई करते तो स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल ना होती वही यह जानकारी आयी हे कि जो हास्पिटल चल रहे है साजिदा हॉस्पिटल ओर रजिस्ट्रेशन शाहिदा हास्पिटल के नाम पर है इसमे भी कही कोई खेल तो नही यदि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी मानक विहीन अस्पताल पर अंकुश नहीं लगाएगे तो मरीजो की जा सकती है जान