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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि पीएसएलवी रॉकेट पर सवार आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान शनिवार को सफलतापूर्वक अलग हो गया और अब यह सूर्य की ओर 125 दिन की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है।भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में नया इतिहास रचते हुए जहां आदित्य-एल1 को सूर्य की ओर भेजा वहीं चंद्रयान-3 भी चंद्रमा पर अपने खोज अभियान के तहत नये मुकाम हासिल कर रहा है। पूरे देश में प्रार्थनाओं के दौर के बीच जब शनिवार दोपहर श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 ने उड़ान भरी तो देश में हर्ष का माहौल हो गया। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और आम लोगों ने पूरे वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी। सोशल मीडिया पर भी देश की इस उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों के परिश्रम को सराहा जा रहा है। बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि पीएसएलवी रॉकेट पर सवार आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान शनिवार को सफलतापूर्वक अलग हो गया और अब यह सूर्य की ओर 125 दिन की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष यान को “सटीक कक्षा” में स्थापित कर दिया गया है।
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सोमनाथ ने कहा, “आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को पीएसएलवी ने बहुत सटीक तरीके से 235 गुणा 19,500 किलोमीटर की अपेक्षित अंडाकार कक्षा में स्थापित कर दिया।” सोमनाथ ने कहा, “अब से आदित्य एल1 सूर्य की ओर 125 दिन की लंबी यात्रा पर जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सूर्य गैस का एक विशाल गोला है और आदित्य-एल1 इसके बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा। इसरो ने कहा कि आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही इसके करीब जाएगा।बता दें कि इस अवसर पर मिशन नियंत्रण केंद्र में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, परियोजना निदेशक निगार शाजी और मिशन निदेशक बीजू भी मौजूद थे। इस अवसर पर निगार शाजी ने कहा कि पीएसएलवी ने अंतरिक्ष यान को ‘हमेशा की तरह’ त्रुटिहीन तरीके से कक्षा में स्थापित किया और सौर पैनल तैनात हो गए हैं। उन्होंने कहा, “आदित्य एल1 ने सूर्य की 125 दिन की लंबी यात्रा शुरू कर दी है।” वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस उपलब्धि को ‘शानदार पल’ बताया और अंतरिक्ष क्षेत्र को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया।
चंद्रयान-3 का अपडेट
दूसरी ओर, चंद्रयान की बात करें तो आपको बता दें कि इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय’’ किया जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं और ‘‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है।’’ इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केन्द्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी।
