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गोंडा
गोंडा जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने दयाराम तालाब पर अवैध कब्जे को लेकर की बड़ी कार्रवाई की है। कूट रचित दस्तावेज के सहारे तालाब की जमीन को अपने नाम करने वाले बीजेपी एमएलसी के भतीजे समेत चार खातेदारों के नाम को खारिज किया। तालाब की भूमि को सुरक्षित करते हुए अवैध कब्जा मुक्त रखने का आदेश दिया है।दरअसल जिलाधिकारी ने गिर्द गोंडा नगरीय और गिर्द गोण्डा ग्रामीण की खतौनी पर दर्ज खातेदारों का नाम खारिज करके पूर्ववत तालाब खाते में दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उप जिलाधिकारी सदर को इस भूखण्डों की नवैइयत सुरक्षित रखने और इन पर अवैध कब्जा न होने देने के आदेश दिए गए हैं। मुख्य राजस्व अधिकारी को प्रकरण से संबंधित मूल पत्रावली समेत अन्य संबंधित समस्त अभिलेखों को सुरक्षित करने के लिए भी आदेशित किया गया है।दरअसल डीएम नेहा शर्मा ने पुराने तालाबों में शामिल दयाराम तालाब को सुरक्षित कर दिया है। तालाब की जमीन पर दर्ज खातेदारों बीजेपी एमएलसी अवधेश कुमार उर्फ मंजू सिंह के भतीजे निर्भय प्रताप सिंह व मोहम्मद आमिर खान, मोहम्मद शब्बीर, मोहम्मद हसीबी के नामों को खारिज कर दिया है। साथ ही उप जिलाधिकारी सदर सुशील कुमार को भूखण्डों की नवैइयत सुरक्षित रखने व अवैध कब्जा रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से तालाब को उसके वास्तविक रूप में संरक्षित करने का रास्ता साफ हो गया है।शहर से सटे बेशकीमती भूमि वाले दयाराम तालाब में शास्त्रीनगर, तोपखाना, जिंगर कॉलेज के आसपास समेत शहर के एक बड़े इलाके का पानी जाता है। बीती नवम्बर माह में सोशल मीडिया के माध्यम से इस तालाब को पाटने व अवैध कब्जे की शिकायतों सामने आई थी।
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5 सदस्यीय समिति से कराकर आख्या मांगी
जिलाधिकारी द्वारा इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी सदर से जांच रिपोर्ट मांगी गई। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में तहसील स्तर पर कर्मचारियों द्वारा लीपा पोती किए जाने की बात सामने आई थी।जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा 21 नवम्बर 2023 को मुख्य राजस्व अधिकारी को इस प्रकरण की सघन जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए। मुख्य राजस्व अधिकारी द्वारा नगर मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति से कराकर आख्या मांगी। जांच रिपोर्ट में कूटरचित दस्तावेजों के सहारे तालाब की भूमि पर अवैध कब्जे की पुष्टि हुई है। साथ ही अभिलेखों के परीक्षण में यह भूखण्ड सार्वजनिक उपयोग की सुरक्षित भूमि तालाब होने की पुष्टि हुई है।जांच कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, प्रश्नगत भूखण्ड राजस्व अभिलेख खसरा 1356 फ. जो कि खसरा 1359 फ. का आधार में भी तालाब दर्ज है।नकल खसरा 1359 फ. में बिना किसी सक्षम अधिकारी व आधारगत साक्ष्य के कई लोगों को खातेदार कायम कर दिया गया था। उक्त खाता आधारहीन कायम कर संबंधित को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है। रिपोर्ट में बिना किसी आधार के भूमि पर दर्ज किए गए लोगों के नाम को निरस्त करते हुए पूर्ववत् तालाब के खाते में दर्ज कराने की संस्तुति की गई।