बहराइच पेट में कीड़े होने से बच्चों और किशोर-किशोरियों में खून की कमी, कुपोषण, भूख न लगना, कमजोरी, स्वास्थ्य खराब होना और समुचित मानसिक विकास का न होना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इन्हीं समस्याओं से बचाने के लिए हर वर्ष राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जाता है। जनपद में एक से 19 वर्ष के बच्चों व किशोरों को पेट से कीड़े (कृमि) निकालने के लिए एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जा रही है। इस दिन दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को पांच फरवरी को मॉपअप राउंड चला कर दवा खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने बताया कि पेट के कीड़े निकालने के लिए हर वर्ष दो बार अभियान चलाकर दवा खिलाई जाती है।
पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के 2927 सरकारी 1158 निजी विद्यालयों के अलावा 3145 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है । इस अभियान के तहत 1965742 बच्चों को एलबेंडाजॉल की गोली खिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि एक से दो वर्ष तक के बच्चों को 200 मिग्रा, यानि आधी गोली व दो से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को 400 मिग्रा, यानि पूरी गोली खिलाई जानी है। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है जबकि बड़े बच्चों को इसे चबाकर खाना है।राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला सलाहकार राकेश गुप्ता ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच वर्ष तक के बच्चों, छह से 19 वर्ष तक के स्कूल न जाने वाले बच्चों और घूमंतु व ईंट-भट्ठों आदि जगहों पर काम करने वाले श्रमिक बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से और छह से 19 वर्ष तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षक-शिक्षिकाओं के माध्यम से पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में बाल विकास परियोजना अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी सहित स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, किशोर स्वास्थ्य काउंसलर, बीसीपीएम को जिला स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है ।सीएमओ डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि1.96 लाख बच्चों को खिलाई एल्बेन्डाजॉल हैं। कई बार वह नंगे पैर ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े (कृमि) विकसित हो जाते हैं। इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप कमजोर होने लगता है। एल्बेन्डाजॉल खा लेने से यह कीडे पेट से बाहर हो जाते हैं, जिससे शरीर में आयरन की शोषक क्षमता बढ़ जाती है, जिससे शरीर में एनीमिया अर्थात खून की कमी दूर होती है।