बलरामपुर। गुरुवार को गैंसड़ी में 100 दिवसीय विशेष टीबी अभियान के तहत एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को टीबी के लक्षणों के बारे में जागरूक करना और टीबी के मरीजों को बेहतर उपचार मुहैया कराना है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि टीबी का इलाज केवल खांसी से संबंधित नहीं है, बल्कि इसके अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इनमें दो सप्ताह से अधिक खांसी आना, मुंह से खून आना, बुखार, सीने में दर्द, थकान, सांस लेने में परेशानी, रात को पसीना आना, भूख न लगना और वजन कम होना शामिल हैं। डॉ. शुक्ला ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए।
धूम्रपान करने वाले लोग हैं शामिल
100 दिवसीय विशेष टीबी अभियान के अंतर्गत उच्च जोखिम वाली जनसंख्या की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कुपोषित व्यक्ति, पुराने टीबी के रोगी, टीबी रोगी के संपर्क में रहने वाले लोग, डायबिटीज के मरीज, एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति, नशा या धूम्रपान करने वाले लोग शामिल हैं। इस दौरान जिन लोगों में टीबी के लक्षण पाए जाएंगे, उनका परीक्षण किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति टीबी की जांच में पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे तत्काल इलाज मुहैया कराया जाएगा।
टीबी मरीजों को दिया गया पोषण पोटली
इस कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी के मरीजों को पोषण पोटली भी वितरित की गई। पोषण पोटली में आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जो मरीजों की रिकवरी में मदद करेंगे। टीबी के इलाज के दौरान सही पोषण प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता मजबूत बनी रहे और जल्दी ठीक हो सकें।