बलरामपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर से डिजिटल माध्यम से देशभर के 103 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकसित स्वरूप का लोकार्पण किया। इस ऐतिहासिक मौके पर उन्होंने बीकानेर-बांद्रा ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और 26 करोड़ रुपए के अन्य विकास कार्यों का भी शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन स्टेशनों में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर रेलवे स्टेशन का भी नाम शामिल है, जिसे ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत आधुनिक रूप दिया गया है। यह कायाकल्प तराई क्षेत्र के इस आकांक्षी जिले के लिए बड़ी सौगात माना जा रहा है। बलरामपुर, जो कि राप्ती नदी के तट पर बसा है, वर्ष 1997 में गोंडा जिले से अलग होकर एक नया जिला बना था। यहाँ से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित श्रावस्ती, प्राचीन कौशल राज्य की राजधानी रही है और भगवान बुद्ध ने यहाँ अपने जीवन के 24 वर्षाकाल व्यतीत किए थे। वहीं, तुलसीपुर में देवीपाटन मंदिर, जो देवी दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, हर साल चैत्र माह में लगने वाले मेले के लिए प्रसिद्ध है।पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा-गोरखपुर लूप लाइन पर स्थित बलरामपुर स्टेशन को करीब 10.78 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक रूप में विकसित किया गया है। स्टेशन पर स्थानीय वास्तुकला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए नया भवन तैयार किया गया है, जो अब काफी आकर्षक दिखता है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए स्टेशन पर अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं।
तराई की धरती पर आधुनिकता की दस्तक
प्लेटफॉर्म पर 15 मीटर लंबे यात्री छाजन बनाए गए हैं ताकि धूप और बारिश से बचाव हो सके। स्टेशन के दोनों प्लेटफॉर्मों को ऊँचा किया गया है और उन पर ग्रेनाइट पत्थर बिछाया गया है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों को सुविधा हो रही है।4,700 वर्ग मीटर में सर्कुलेटिंग एरिया का विकास किया गया है। स्टेशन पर अत्याधुनिक यात्री प्रतीक्षालय, वीआईपी लाउंज, रिटायरिंग रूम, महिला-पुरुषों के लिए अलग प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। वहीं, दोपहिया और चारपहिया वाहनों की अलग-अलग पार्किंग भी बनाई गई है। पूरे स्टेशन पर उन्नत प्रकाश व्यवस्था और आधुनिक फसाड लाइटिंग लगाई गई है, जिससे स्टेशन की सुंदरता और बढ़ गई है। यात्रियों को टिकट की सुविधा के लिए आरक्षित- अनारक्षित टिकट खिड़की के साथ-साथ एटीवीएम मशीन भी लगाई गई है। पूछताछ केंद्र, पीने के पानी के लिए नल और वाटर कूलर, खाने-पीने की दुकानें भी स्टेशन परिसर में बनाई गई हैं।समारोह के दौरान सांसद प्रतिनिधि सुनील चौधरी, पूर्व सांसद व श्रावस्ती जिला पंचायत सदस्य दद्दन मिश्रा, बीजेपी जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा, तुलसीपुर विधायक कैलाशनाथ शुक्ल, सदर विधायक प्रतिनिधि बृजेन्द्र तिवारी, नपाप अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू सहित रेलवे व बलरामपुर चीनी मिल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सभा को सम्बोधित किया। इस दौरान जिले के तमाम स्कूलों के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया। लखनऊ से आये स्काउट गाइड के सदस्यों ने देश भक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुती भी दी।
25 साल पहले रेलवे स्टेशन केले व मूगफली के छिलके, पान की पीक व गदगी के नाम से जाना जाता था लेकिन आज भारत के रेलवे स्टेशन सुंदरता का पर्याय बनते जा रहे हैं। उन्होने कहा कि नगर की ऐतिहासिकता और धरोहरों को समाहित करते हुए रेलवे स्टेशन को विकसित किया जा रहा है ।- तुलसीपुर विधायक कैलाशनाथ शुक्ल
60 साल के इतिहास में पहली बार देश के रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। केन्द्र सरकार इसके लिए बधाई की पात्र है।- नपाप अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू
वर्ष 2014 से पार्टी के जनप्रतिधि लगातार जिले में रेलवे स्टेशन, ओवरब्रिज, अंडरपास, ट्रेनों के संचालन, सुविधाओं को लेकर संघर्ष करते रहे है जिसका परिणाम आज हमें पुनर्निमित रेलवे स्टेशन के रूप में मिला है।- बीजेपी जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा
रेलवे को हमेशा से व्यापार की धुरी माना गया है। पहले की सरकारों में परियोजनाएं तो घोषित होती थीं, लेकिन जानबूझकर उनके लिए बजट नहीं पास किया जाता था। अब मोदी सरकार के आने के बाद हर योजना समय पर पूरी हो रही है। बलरामपुर रेलवे लाइन अब विकास का माध्यम बन चुकी है, न कि कोई बाधा। इसके साथ ही उन्होंने झारखंडी स्टेशन की समस्या का भी ज़िक्र किया और कहा कि वहाँ की समस्या का समाधान किसी भी तरह — चाहे ओवरब्रिज से हो या अंडरपास से — जल्द किया जाना चाहिए।- पूर्व सांसद व श्रावस्ती जिला पंचायत सदस्य दद्दन मिश्रा