सद्भावना आवाज़
बलरामपुर।
राम शिरोमणि वर्मा ने सपा-बसपा के संयुक्त गठबंधन में 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 5329 वोट से हराया था। मामूली अंतर से हार-जीत का चुनाव इस बार त्रिकोणीय हो गया है। बसपा सुप्रीमो ने शनिवार को श्रावस्ती में जनसभा की। सहेट महेट के मैदान में मायावती ने कहा साम, दाम दंड भेद अपनाकर भाजपा, सपा और कांग्रेस ने ठगने का काम किया है। बसपा सांसद का बिना नाम लिए जमकर हमला बोला। बसपा की जनसभा में जबरदस्त भीड़ ने सपा-भाजपा के उम्मीदवारों की चिंता बढ़ा दी है। दूसरी तरफ पीएम मोदी भी जनसभा करेंगे तो राहुल-अखिलेश रोड शो के लिए आएंगे। फिलहाल राजनीतिक पंडित इस बार के चुनाव में कांग्रेस के वोटर्स की भूमिका अहम मान रहे है। इसको समझने के लिए बीते तीन चुनाव परिणाम के गणित को समझना होगा।
2024 चुनाव में कांग्रेस वोटर्स की भूमिका अहम; पढ़िए क्या कहता है बीते चुनाव का गणित
बीते तीन चुनाव के परिणाम से समझते है इस बार क्यों है त्रिकोणीय मुकाबला
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2019 में कुल 1914739 मतदाता थे। चुनाव में BSP प्रत्याशी राम शिरोमणि को जीत हासिल हुई थी। इस चुनाव में 441771 (23.07%) वोट मिले थे। बीजेपी के ददन मिश्रा दूसरे स्थान पर थे। जिन्हें 436451 (22.79%) वोट मिले थे। इस सीट पर आम चुनाव 2019 में जीत का अंतर 5320 रहा था।
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इससे पहले, श्रावस्ती लोकसभा के 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान 17,88,080 मतदाता दर्ज थे। इस चुनाव में बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी ददन मिश्रा ने कुल 345964 वोट मिले थे। उन्हें लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 19.35 प्रतिशत ने समर्थन दिया था, और उन्हें उस चुनाव में डाले गए वोटों में से 35.3 प्रतिशत वोट मिले थे। उधर, दूसरे स्थान पर रहे थे सपा पार्टी के उम्मीदवार अतीक अहमद , जिन्हें 260051 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, जो लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 14.54 प्रतिशत था और कुल वोटों का 26.53 प्रतिशत रहा था। लोकसभा चुनाव 2014 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 85,913 रहा था।
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इससे पहले, श्रावस्ती सीट पर 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान 1405884 मतदाता थे। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार विनय कुमार ने 201556 वोट पाकर जीत हासिल की थी। विनय कुमार को लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 14.34 प्रतिशत वोटरों का समर्थन हासिल हुआ था, जबकि चुनाव में डाले गए वोटों में से 33.29 प्रतिशत वोट उन्हें मिले थे। दूसरी तरफ, उस चुनाव में दूसरे स्थान पर बीएसपी पार्टी के उम्मीदवार रिजवान जहीर रहे थे, जिन्हें 159527 मतदाताओं का साथ मिल सका था। यह लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 11.35 प्रतिशत था और कुल वोटों का 26.35 प्रतिशत था। लोकसभा चुनाव 2009 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 42,029 रहा था।
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दलित-मुस्लिम के सहारे बसपा
बसपा ने श्रावस्ती लोकसभा सीट पर आखिरी में उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया। दद्दन खां बसपा के प्रत्याशी है। ऐसे में बसपा जातियें गणित बैठाते हुए इस बार दलित-मुस्लिम के सहारे दोबारा सीट कब्जाना चाहती है। राजनीतिक जानकार मानते है 2019 लोक सभा चुनाव में सपा-बसपा के प्रत्याशी राम शिरामणि वर्मा मामूली वोटों से चुनाव जीते थे। ऐसे में इस बार अगर वोटों का बिखराव हुआ तो भाजपा-सपा के प्रत्याशी के लिए मुश्किल हो सकती है।
राम के सहारे साकेत, मोदी करेंगे जनसभा
दूसरी तरफ भाजपा उम्मीदवार साकेत मिश्रा राम के सहारे चुनाव मैदान में प्रचार कर रहे है। साकेत मिश्रा मोदी के नाम और काम पर वोट मांग रहे है। पीएम मोदी खुद 21 मई को श्रावस्ती लोकसभा में जनसभा करेंगे। साकेत मिश्रा के चुनाव प्रचार में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी आ चुके हैं। तो वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नामाकंन में पहुंचे थे। शनिवार तक पांच से ज्यादा योगी सरकार के मंत्री श्रावस्ती में चुनाव प्रचार में शामिल हो चुके है।
सपा का दावा पीडीए फॉर्मूला पड़ेगा भारी
बसपा से सांसद राम शिरोमणि वर्मा इस बार सपा के सिम्बल पर चुनाव लड़ रहे है। टिकट बदलने की चर्चा के बीच नामाकंन के आखिरी दिन टिकट बचाने में कामयाब रहे। राम शिरोमणि वर्मा इस बार पीडीए के फॉर्मूले पर चुनाव जीतने का दावा कर रहे है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर राम शिरोमणि वर्मा को बसपा कैडर के वोट मिले तब ही वह दोबारा सांसद बन कसते है। फिलहाल उनका यह भी मानना है इस बार श्रावस्ती सीट का चुनाव बड़ा रोचक है।
जातीय और धर्मिक समीकरण पर एक नजर
2011 की जनगणना के आधार पर श्रावस्ती लोकसभा (बलरामपुर) की आबादी 11.2 लाख है जिसमें 5.9 लाख (53%) पुरुष और 5.2 लाख (47%) महिलाएं हैं। इसमें 83% आबादी सामान्य वर्ग के लोगों की है जबकि 17% अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं। धर्म के आधार पर देखा जाए तो यहां पर 68.87% आबादी हिंदुओं की और 31% मुस्लिम समाज की है। 2011 जनगणना के मुताबिक जिले में प्रति हजार पुरुषों में 881 महिलाएं हैं। जबकि साक्षरता दर 47% है जिसमें 57% पुरुष और 35% महिलाएं साक्षर हैं। श्रावस्ती लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीट (भींगा, श्रावस्ती, तुलसीपुर, गैसड़ी और बलरामपुर) आती है।
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